लाखों की तादाद में से केवल 10 हजार मजदूरों के लिए अन्नपूर्णा थाली
Rishi Mishra 4 Aug 2017 8:31 AM GMT
लखनऊ। 22 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में श्रम विभाग केवल 60 हजार मजदूरों का पंजीकरण ही करवा सका। असंगठित क्षेत्र के इन मजदूरों का पंजीकरण सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए किया गया है, जिसकी शुरुआत अन्नपूर्णा योजना से होने जा रही है। 16 अगस्त से योजना शुरू होगी।
इसके तहत प्रदेश के 23 जिलों के पंजीकृत मजदूरों को दस रुपये की दर से भोजन मिलेगा। मगर इन 23 जिलों में इन श्रमिकों की संख्या केवल दस हजार है। श्रम विभाग में पंजीकरण के लिए इतनी अधिक औपचारिकताएं हैं, जिनको पूरा करना एक सामान्य श्रमिक के लिए खासा दुरुह है।
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कल्याणपुर में रहने वाले निर्माण श्रमिक 35 वर्षीय राजेश कुमार बताते हैं कि, उनका पंजीकरण करीब दो साल पहले हुआ। मगर ये बहुत ही कठिन काम है। इसमें सबसे पहले आप श्रम विभाग के कार्यालय में एक अदद फार्म के लिए भटकिये। यहां फार्म मिलने के बाद आपसे किसी सरकारी ठेकेदार का अनुभव प्रमाणपत्र मांगा जाता है। लगातार दो साल तक किसी सरकार ठेकेदार के साथ काम करने वाले निर्माण श्रमिक का ही पंजीकरण किया जाता है। एक सामान्य श्रमिक के लिए ये लगभग अंसभव होता है कि, वह किसी सरकारी ठेकेदार से अनुभव प्रमाणपत्र हासिल कर सके। इस वजह से अधिकांश निर्माण श्रमिक पंजीकरण कराने से डरते हैं।
पंजीकरण के लिए कम से कम 10 दिहाड़ी का नुकसान
बहराइच के निर्माण श्रमिक वीरेश राजभर बताते हैं कि श्रम उपायुक्त के कार्यालय और ठेकेदार के चक्कर काटने में कम से कम 10 दिहाड़ी का नुकसान होता है। जिसका सीधा मतलब है कि 3000 रुपये का नुकसान। ऐसे में पंजीकरण करवा पाना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसी वजह से ज्यादातर मजदूर अपनी मजदूरी करने को ज्यादा बेहतर मानते रहे हैं। इसलिए पंजीकरण करने वाले निर्माण श्रमिकों की संख्या प्रदेश भर में बढ़ती जा रही है।
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अन्नपूर्णा योजना के लिए चुने गए जिले और उनमें पंजीकृत श्रमिकों की संख्या
जिले.. पंजीकृत श्रमिक
- हापुड़.. 585
- मुरादाबाद.. 341
- बरेली.. 245
- मेरठ.. 400
- झांसी.. 730
- अलीगढ़.. 210
- इलाहाबाद.. 1229
- वाराणसी.. 919
- गोरखपुर.. 445
- गौतमबुद्धनगर.. 237
- गाजियाबाद.. 450
- जौनपुर.. 500
- बदायूं.. 1030
- बुलंदशहर.. 342
- शाहजहांपुर.. 240
- फैजाबाद.. 100
- चित्रकूट.. 700
- गोंडा.. 200
- महोबा.. 1525
- बांदा.. 518
- बलरामपुर.. 500
- इटावा.. 300
- आजमगढ़.. 120
“इन परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण और शिलान्यास निर्माण श्रमिकों के कम पंजीकरण समय समय पर विभागीय अधिकारियों के पेंच कसे गए हैं। उनको आदेशित किया गया है कि प्रत्येक जिले में अधिकांश श्रमिकों का पंजीकरण किया जाए। इसकी जटलिताओं को कम किया जाएगा। सभी श्रमिकों तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा।”
“इन परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण और शिलान्यास निर्माण श्रमिकों के कम पंजीकरण समय समय पर विभागीय अधिकारियों के पेंच कसे गए हैं। उनको आदेशित किया गया है कि प्रत्येक जिले में अधिकांश श्रमिकों का पंजीकरण किया जाए। इसकी जटलिताओं को कम किया जाएगा। सभी श्रमिकों तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा।”स्वामी प्रसाद मौर्य, श्रम मंत्री, उप्र
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