अयोध्या। अयोध्या की सुबह आज मंदिरों की घंटियों की आवाज में घुल रहे ‘जय श्री राम’ और ‘राम लला हम आ गए’ जैसे अलार्म रूपी नारों से हुई। यहां की सड़कें अलग-अलग जगहों से आए ‘राम भक्तों’ से भरी हुई हैं, जो विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा में शामिल होने आए हैं। ये सभी टोली बनाकर सड़कों पर एक स्वर में इस तरह के नारे लगाते घूम रहे हैं। हालांकि स्थानीय लोग इसे सिर्फ राजनीति का हिस्सा बताते हैं और ये सवाल भी पूछते हैं कि क्या कोई अयोध्या वासी आपको नारा लगाते दिखा?
अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा को लेकर एक अलग ही माहौल तैयार किया गया है। इसमें शामिल होने के लिए देश भर से करीब एक लाख लोग आए हैं। इस वजह से यहां की सड़कों पर अलग से भीड़ नजर आती है। रविवार (25 दिसंबर) की सुबह नारों से भरी हुई रही और राम जन्म भूमि को जाने से पहले पड़ने वाले चौराहे हनुमान गढ़ी पर युवाओं का हुजूम दिखता है।
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इस जामवड़े को देख पास की ही चाय की दुकान पर बैठे स्थानीय लोग इसे लेकर चिंता जाहिर करते हैं। यहीं के रहने वाले शंभूनाथ शर्मा कहते हैं, ”ये सब राजनीति है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है।” चाय की दुकान पर ही बैठे एक दूसरे शख्स शंभूनाथ की बात में हामी तो भरते हैं, लेकिन ये सब कांग्रेस पार्टी की चाल बताने से भी नहीं चूकते। अजय कहते हैं, ”कांग्रेस चाह देती तो मंदिर बन जाता, कोई उसकी चाल को नहीं समझ पा रहा। कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन वो भी टल गई।” जब अजय से पूछा जाता है कि कांग्रेस कैसे इसके लिए जिम्मेदार है तो अजय कुछ साफ जवाब नहीं दे पाते। बस कहते हैं कि, ”आप इतना जान लीजिए कि अब मंदिर राजनीति है और राजनीति मंदिर।”
अयोध्या में ट्रेवल एजेंसी का काम करने वाले भानू प्रसाद मिश्रा कहते हैं, ”सच कहूं तो अब इस मामले में सिर्फ और सिर्फ राजनीति हो रही है। बाहर से आए लोग हल्ला करते हैं बस। मेरे शहर का माहौल कोई बाहरी आकर बिगाड़ दे ये हमारी किस्मत में लिख गया है। मैं टूर एंड ट्रेवल का काम करता हूं। आज तक ऐसा नहीं हुआ कि किसी समुदाय विशेष को देखकर मैंने उन्हें गाड़ी देने से मना किया हो। अयोध्या के लोग ये सब नहीं चाहते।”
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भानू आगे कहते हैं, ”अयोध्या के रहने वाले सभी लोग भाई-भाई ही तो हैं, लेकिन बाहर से आए लोग अपनी राजनीति हम पर थोपकर बस माहौल खराब कर देते हैं। मंदिर में मेरी आस्था है, लेकिन इसका मतलब ये थोड़े न है कि मैं नारे लगाते हुए सड़कों पर आ जाऊं। इससे एक डर का माहौल तो बन ही जाता है।”
फिलहाल विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा के मद्देनजर पूरे अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। राम जन्म भूमि की ओर जाने वाले हर रास्ते को बैरिकेड लगाकर रोका गया है। पुलिस और पीएसी के जवान चप्पे-चप्पे पर मौजूद हैं। माहौल को देखते हुए स्थानीय दुकानदारों ने भी अपनी दुकान बंद रखना ही बेहतर समझा है।
बता दें, धर्म सभा में संघ, शिवसेना समेत कई हिन्दूवादी संगठन भी शामिल हो रहे हैं, जिनके कार्यकर्ता भी यहां पहुंचे हैं। इन्हीं कार्यकर्ताओं में से एक मुंबई से आए प्रतीक भी हैं। प्रतीक बताते हैं कि वो शिवसेना की रैली के लिए मुंबई से यहां आए थे, लेकिन वीएचपी की धर्म सभा को देखते हुए रुक गए हैं। अब धर्म सभा होने के बाद यहां से चले जाएंगे।
प्रतीक कहते हैं, ”मंदिर राजनीति नहीं आस्था का विषय है। इसमें राजनीति नहीं करनी चाहिए, यही संदेश देने हम मुंबई से यहां आए हैं। सरकार अब भी समझे और राम भक्तों के मन के अनुरूप मंदिर का निर्माण करा दे।” प्रतीक की ही तरह हजारों युवा मंदिर निर्माण के लिए नारे लगाते सड़कों पर नजर आते हैं। इन युवाओं की प्राथमिकता में शिक्षा और रोजगार से कहीं ज्यादा मंदिर नजर आता है। फिलहाल अयोध्या का माहौल खराब करने के लिए इस तरह के युवा बहुतायत में यहां मौजूद हैं, जिनसे स्थानीय लोगों के मन में भी भय व्याप्त है।