सांसद सावित्रीबाई फुले हुईं भाजपा से अलग, पढ़िए क्या है पार्टी छोड़ने की वजह

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लखनऊ। भाजपा सांसद सावित्रीबाई फुले ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। वो यूपी के बहराइच की सांसद हैं। सावित्रीबाई फुले कई मुद्दों को लेकर बीजेपी से नाराज चल रहीं थीं। उन्होंने एक पत्र भी लिखा है इस्तीफा देने के साथ ही बीजेपी पर बार फिर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी समाज में बंटवारे की साजिश कर रही है।

पढ़िए क्या लिखा सावित्रीबाई फुले ने…

प्रिय मीडिया बन्धुओं आज मैं अत्यन्त व्यथित होकर जनहित एवं बहुजन समाज के हित में आप लोगों के बीच मुखातिब हूं। आप सभी लोगों को विदित है कि विगत कई वर्षों से मैं भारतीय संविधान एवं आरक्षण बचाने हेतु सामाजिक आन्दोलन चला रही हूँ जिसका मूल अद्देश्य यह है कि समाज के वर्ग, दलित एंव अल्पसंख्यक वर्ग सामाजिक न्याय मिल सके लेकिन मुझे लोक सभा के अन्दर तथा लोकसभा के बाहर भारतीय जनता पार्टी के कई सांसदों, मंत्रियों, आरएसएस प्रमुख के द्वारा यह सुनने को मिलता है कि राष्ट्र निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान को बदला जाएगा तथा पिछले वर्ग एंव अनुसूचित जाति जनजातियों का आरक्षण समाप्त किया जाएगा जिसका ताना-बाना केन्द्र सरकार बुन चुकी है।


मैं विगत वर्षों से लगातार संविधान में दी गई आरक्षण को सम्पूर्ण रूप से लागू करने की मांग करती आ रहीं हूं। इसके बावजूद न तो संविधान को पूरी तरह से लागू किया गया और न ही आरक्षण का कोटा पूरा किया जा रहा है। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश को लेकर देश के विभिन्न प्रदेशों में नमों बुद्धाए जन सेवा समित के माध्यम से आयोजित कार्यक्रमों के द्वारा भारत सरकार एंव प्रदेश सरकारों से लगातार मांग करती चली आ रही हूं, किन्तु मेरी मांग को उक्त सरकारों द्वारा ठुकराया गया जिसके कारण बहुजन समाज को उनका वाजिब अधिकार नहीं मिल पा रहा है। इसलिए आज बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडिकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर प्रेस के माध्यम से राष्ट्र को यह बताना चाहती हूं कि भाजपा की सरकार बहुजनों के हित में कार्य न करके बहुजनों एंव अल्पसंख्यकों (मुसलमानो) का अहित करने वालों को सरक्षण देती रही जो निम्न बिंदूवार क्रम में हैं। 


  • 1. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडिकर जी के प्रतिमा को भारत के अनेक स्थानों पर तोड़ी गई किन्तु प्रतिमा तोड़ने वालों के प्रति कोई कार्यवाही नही की गई।
  • 2. भारतीय संविधान को भाजपा के केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा बदलने की बात बार-बार की जाती है, लेकिन इनके विरूद्ध सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई।
  • 3. पिछड़े वर्गो एंव अनुसूचित जाति एंव जनजाति आरक्षण कोटा खत्म करने की बात भाजपा के सीर्ष नेताओं के द्वारा कहा गया किन्तु इन पर कोई कार्यवाही नही की गई।
  • 4. पिछड़े वर्गों का 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा एंव अनुसूचित जाति जनजाति का 23 प्रतिशत कोटा पूरा नही किया गया। न ही आरक्षण के खाली पदों (बैक लॉग) को ही भरा जा रहा है। और न ही पुरानी पेंशन की बहाली की जा रही है।
  • 5. अल्पसंख्यक वर्गों खासतौर से मुसलमानों के हितों की रक्षा न करके उनको प्रताड़ित करने का कार्य किया गया है। क्या ये लोग भारत के नागरिक नहीं है।
  • 6. प्राईवेट सेक्टर में पीछड़े वर्गों एवं अनुसूचित जाति जनजाति को आरक्षण का कोटा निर्धारित नहीं किया जा रहा है।
  • 7. केन्द्र सरकार द्वारा देश के यूवा बेरोजगारों को प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया गया था। जिसकी पूर्ति आज तक नहीं की गई क्यों?
  • 8. केन्द्र सरकार ने वादा किया था कि काला धन विदेशों से लाकर गरीब एंव बेरोजगारों के खाते में 15 लाख दिया जाएगा किन्तु इसे पूरा नहीं किया गया।
  • 9. लगातार शहरोँ नगरों महापुरूषों एवं संस्थाओं का नाम बदलकर बहुजनों एंव अल्पसंख्यकों के इतिहास को मिटाया जा रहा है।
  • 10. भारत का धन भारत के विकास में न खर्च करके मूर्तियां बनाने एंव मंदिरों के निर्माण में अनावश्यक खर्च किया जा रहा है।
  • 11. सरकार द्वारा देश का विकास न करके हिन्दू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान, मंदिर-मस्जिद का खौफ दिखाकर नफरत फैलाकर आपसी भाई-चार को समाप्त करने का काम किया जा रहा है।
  • 12. भारत से भारत का धन लेकर विदेश भागे, भगौड़ों पर भारत सरकार द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। न ही उन्हें वापस लाने हेतु कठोर कदम उठाय जा रहे हैं।
  • 13. विगत 09 अगस्त 2018 को दिल्ली में संसद भवन के निकट भारतीय संविधान की प्रतियां जलाई गईं एवं “संविधान मुर्दाबाद तथा डॉक्टर अम्बेडिकर मुर्दाबाद” का नारा लगाया गया किन्तु दोषियों के विरूद्ध न ही देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया न ही उनकी नागरिकता समाप्त की गई, यह अत्यन्त निन्दनीय है।
  • 14. भारत के चौकीदार के पहरेदारी में देश के संसाधनों की लगातार चोरी कराया जा रहा है यहा अत्यन्त ही निन्दनीय है।
  • 15. वर्तमान सरकार के मंत्रियों एवं सांसदों के द्वारा धार्मिक एवं सांप्रदायिक उन्माद फैलाकर भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

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