BHU : आखिर किसने दिया छात्राओं पर लाठीचार्ज का आदेश !

Abhishek PandeyAbhishek Pandey   25 Sep 2017 7:32 PM GMT

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BHU :  आखिर किसने दिया छात्राओं पर लाठीचार्ज का आदेश !बीएचयू

लखनऊ। बनारस के बीएचयू कैंपस में छात्राओं पर लाठीचार्ज करने की जांच रिपोर्ट कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में पीएमओ और सीएम कार्यालय को सौंप दी गई है, लेकिन इस पूरी रिपोर्ट में इस बात का कही जिक्र नहीं है कि आखिर किसके आदेश के बाद छात्राओं पर पुलिसियां लाठी बरसी। हालांकि इस संबंध में कमिश्नर ने कुछ कहने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि, पूरी रिपोर्ट शासन को रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संतुष्टि कर दी गई है।

वहीं इस मामले में रिटायर्ड डीजी सुब्रत त्रिपाठी का कहना है “लाठीचार्ज का आदेश जिला प्रशासन के अधिकारी के आदेश के बगैर नहीं किया जाता है। पुलिस को उपद्रव बढ़ने पर मौके पर मौजूद जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों के आदेश के बगैर कार्रवाई नहीं करती, इसलिए इसमें पुलिस कर्मियों का कही से कोई अधिक दोष नहीं है।” दूसरी ओर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी एक दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं, हालांकि देखने वाली बात है कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ किस पर कार्रवाई की गाज गिराते हैं। वहीं लाठीचार्ज मामले में एडीजी जोन विश्वजीत माहपात्रा का कहना है “माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने अराजकतत्वों पर कार्रवाई की, लेकिन पुलिस से बचने के लिए अराजकतत्वों ने छात्राओं की आड़ ले ली थी।”

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वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस के बीएचयू (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) में छात्राओं पर पुलिस की बर्बरतापूर्वक कार्रवाई की पूरे देश में आलोचना हो रही है। इसे देखते हुए सीएम योगी ने एक जांच कमेटी गठित की है। कमेटी ने अपनी शुरुआती प्रारंभिक जांच में बीएचयू प्रशासन की गलती ठहराते हुए पूरा ठिकरा विवि प्रशासन के ऊपर फोड़ दिया है। साथ ही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दूसरे चरण में प्रशासन के कुछ अधिकारियों की गलती मानी है। जांच कमेटी के अध्यक्ष कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रारंभिक रिपोर्ट भेज दी।

बीएचयू में छात्रा से छेड़खानी के बाद विरोध-प्रदर्शन, पथराव, लाठीचार्ज, और आगजनी के मामले की जांच के बाद कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रारंभिक रिपोर्ट भेज दी। रिपोर्ट में विवि प्रबंधन की ओर से बरती गयी संवादहीनता और लापरवाही को बड़ी वजह बताया गया है। साथ ही जिला प्रशासन ने भी छात्राओं के आंदोलन की अनदेखी की, जिसे देखते हुए प्रशासन के कई अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

वहीं अपनी जांच रिपोर्ट में कमिश्नर ने कहा है कि, बीएचयू प्रशासन ने अगर धरने के पहले दिन ही छात्र-छात्राओं से बातचीत की गयी होती तो कैंपस में एक छेड़खानी की घटना उपद्रव की शक्ल नहीं ले पाती। बवाल बढ़ने के पीछे विवि प्रशासन और उस वक्त के पुलिसर्मियों ने संवादहीनता न बरत कर छात्राओं की नाराजगी को सुलझाने का प्रयास करते तो शायद यह घटना आंदोलन का रूप नहीं ले पाता।

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जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कानून व्यवस्था ठीक होने और धरना शांतिपूर्ण होने का दावा करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पूरे मामले को हल्के में लिया, जिसके चलते नौबत इस हद तक बढ़ गई कि, पुलिस को छात्राओं को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। जिला प्रशासन ने भी यदि शुरुआत में ही बीएचयू प्रशासन से वार्ता कर हल निकालने की कोशिश की होती तो छात्राओं की सुरक्षा की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन उग्र नहीं होता।

रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे कमिश्नर बीएचयू पहुंचे थे। शाम पांच बजे तक उन्होंने बीएचयू प्रशासन, जिला प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों के अलावा कैंपस में मौजूद कुछ छात्र-छात्राओं से भी बातचीत की थी। इस पूरी बातचीत के बाद ही कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट पीएमओ कार्यालय सहित सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। वहीं एडीजी जोन बनारस विश्वजीत माहपात्रा का कहना है “छात्राओं के आंदोलन में लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों की शिनाख्त कर उन पर शख्त कार्रवाई की जायेगी। साथ ही पूरे माहौल को खराब करने वाले अराजकतत्वों की भी पहचान की जा रही है, जिसने पूरे प्रदर्शन को हिंसक रूप दे दिया। पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है।”

वहीं कमेटी की अध्यक्षता कर रहे कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि,जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई। इसमें सभी तथ्यों का उल्लेख कर दिया गया, जिस आधार पर शासन ही फैसला लेगा कि, लापरवाह अधिकारियों और विवि प्रशासन के खिलाफ क्या कार्रवाई की जायेगी।

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पीएम दौरे को लेकर पुलिस वीवीआईपी ड्युटी में थी व्यवस्त

वहीं बीएचयू में छात्राओं पर लाठीचार्ज मामले में एक पहलू यह भी है कि, पीएम नरेंद्र मोदी के बनारस दौरे को लेकर वीवीआईपी ड्युटी में व्यवस्त थे, जिसके चलते बीएचयू में छात्राओं का शुरुआती दौर की भड़कती चिंगारी को पुलिस के आलाधिकारियों ने हल्के में लेकर उसे दरोगा स्तर के पुलिसर्मियों को निपटाने के लिए कहा दिया, लेकिन मामला इस हद तक तूल पकड़ लेगा यह पुलिस महकमे में बैठे बड़े अधिकारियों को भी अंदाजा नहीं था।

तत्काल कार्यवाही की अपेक्षा

डीएम ने रजिस्टार को भेजे पत्र में याद दिलाया है कि सुप्रीम कोर्ट ने विशाखा प्रकरण में व्यवस्था दी है कि सुरक्षा के लिए समिति बने जिसमें छात्राओं का प्रतिनिधित्व भी रहे। यह समिति समयबद्ध तरीके के वीसी को रिपोर्ट दे जिससे उस पर कार्यवाही की जा सके। पूरे परिसर के प्रवेश और निकास द्वार के अलावा सभी छात्रावास विशेष तौर पर महिला हास्टल को सीसी टीवी से कवर किया जाये। महिला हास्टल के लिए डेलीकेटेड महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाये। प्राक्टोरियल बोर्ड और निकाय आकस्मिक चेकिंग कर देखे कि जो परिसर में घूम रहे हैं वह छात्र या अभिभावक है अथवा कोई और। छात्र-छात्राओं से संवाद की निरंतर पारदर्शी प्रक्रिया आरम्भ हो। इन सभी बिन्दुओं पर वीसी से बात कर तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा जताते हुए सीसी टीवी और महिला सुरक्षाकर्मियों का तत्काल प्रबंध करने की हिदायत दी गयी है।

शुरुआती कार्रवाई इन पर हुई

बीएचयू में छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज पर सरकार की ओर से यह पहली कार्रवाई हुई। बीचयू के पास लंका थाने के एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया। जैतपुरा के थानाध्यक्ष संजीव मिश्रा लंका क्षेत्र के नए थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही लंका थाना क्षेत्र के अंदर आने वाले भेलूपुर के सीओ निवेश कटियार को भी हटा दिया गया है। वाराणसी के अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम सुशील कुमार गोंड का कार्यभार भी बदल दिया गया है।

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विभिन्न छात्र संगठनों ने जताया विरोध

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में 'बढ़ती छेड़खानी' के खिलाफ सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच बीएचयू गेट के बाहर जहां सैकड़ों की संख्या में छात्र विरोध प्रदर्शन में जुटे हैं। वहीं कांग्रेस, लेफ्ट सहित विभिन्न छात्र संगठनों ने भी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। साथ ही विभिन्न राजनैतिक दलों के छात्र संगठनों ने बीएचयू के बाहर भी प्रदर्शन की योजना बनाई थी, जिसकी इजाजत प्रशासन ने नहीं दी। प्रशासन ने माहौल न बिगड़ने के चलते एहतियातन छात्र संगठन के कई नेताओं को हिरासत में लिया है।

1200 छात्र-छात्राओं पर केस

इस बीच वाराणसी पुलिस ने बीएचयू परिसर में हिंसक वारदात और शांति भंग के आरोपों के तहत 1200 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस में लाठीचार्ज के लिए पहली नजर में दोषी पाए गए लंका थाने के इंचार्ज, भेलूपुर के सीओ और एक अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट को हटा दिया गया है।

हॉस्टल का काटा गया बिजली-पानी का कनेक्शन

रविवार से ही छात्र-छात्राओं से होस्टल खाली कराए जा रहे हैं और उनके बिजली-पानी का कनेक्शन भी काट दिया गया है। बीचयू में पढ़ने वाली छात्रा ने बताया कि रविवार रात से ही हॉस्टल का बिजली-पानी कनेक्शन काट दिया गया था। यहां तककी बाहर जो स्ट्रीट लाइट लगी हैं उनमें तक कोई भी बल्ब नहीं जल रहा था। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

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बीएचयू कैंपस में जमी पुलिस

बीएचयू के बाहर छात्र-छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस के अंदर पुलिस बुला लिया है और आसपास की दुकानों को एहतियातन बंद करा दिया गया है।

एडीजी बनारस जोन से नहीं सम्भली स्थिति

बनारस में कार्यभार ग्रहण करने के बाद एडीजी विश्वजीत महापात्र शुरुआती दौर में कड़ तेवर दिखाये थे, लेकिन बीएचयू की घटना ने उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। मूलरूप से कटक (उड़ीसा) के निवासी विश्वजीत महापात्र 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं। पिछले कई सालों से विश्वजीत माहपात्रा को फिल्ड वर्क का कोई अधिक तर्जुबा नहीं था, फिर भी उन्हें बनारस जैसे संवेदीशील जिले का कार्यभार देकर योगी सरकार एक साफ छवि के अधिकारी को जोन स्तर पर बेठा रही है, लेकिन सरकार यह भूल गई कि, फिल्ड वर्क करने वाले ज्यादातर अधिकारियों को सरकार ने साइड लाइन कर दिया गया है।

जिस बीएचयू से व्यवहार सुधारने का ज्ञान लेना था उन पर ही बरसी लाठियां

बनारस रेंज का चार्ज संभालते ही आईपीएस दीपक रतन ने पुलिस का जनता के प्रति व्यवहार सुधारने के लिए बीएचयू एक्सपर्ट की मदद लेनी की बात कही थी, लेकिन आज उनकी ही पुलिस ने बर्बरतापूर्वक व्यवहार दिखाते हुए छात्राओं पर जमकर लाठियां बरसाई। बनारस रेंज के आईजी दीपक रतन 1997 बैच के आईपीएस हैं।

दीपक रतन को वर्ष 2005 में यूएन मैडल, 2012 में गैलेंट्री अवार्ड और 2013 में राष्ट्रपति की ओर से वीरता और सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है। बनारस का चार्ज संभालते ही उन्होंने कहा था कि, गलियों के शहर बनारस में सुरक्षा के लिए यूरोपियन देशों की तर्ज पर प्लान तैयार किया गया है। बस कुछ दिनों में बदले अंदाज, आधुनिक शस्त्र व यंत्रों से लैस पुलिस जवान मोर्चा संभालते नजर आएंगे। इन्हें 39 जीटीसी, सीआरपीएफ और एनडीआरएफ के अलावा पुलिस महकमे के तेज तर्रार अफसर ट्रेनिंग देंगे। जनता के साथ अच्छे व्यवहार की सीख देने के लिए बीएचयू एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी।

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अंधेरे में भी खाकी ने किया कारनामा

रामकृष्ण भारद्वाज ने बनारस का कार्यभार संभालते ही अपनी प्राथमिकताएं गिनाई थी, जिसमें बाइक दस्ते के पुलिस जवानोंकी जैकेट खास होगी। दिल्ली में तैयार कराई गई इस जैकेट पर 'वाराणसी पुलिस' लिखी रेडियम पट्टी अंधेरे में भी चमकेगी। जैकेट में लगे कैमरे से हर मूवमेंट की तस्वीरें तुरंत सीधे पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचेगी। लेकिन बनारस में छात्राओं पर लाठीचार्ज मामले में अंधेरे में यह रेडियम पट्टी भी काम नहीं दी और पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी।

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