लखनऊ। उन्नाव गैंग रेप मामले में बांगरमऊ विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उत्तर प्रदेश डीजीपी ओपी सिंह ने आज लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में तलब किया था। विधायक तो नहीं आए, हां उनकी पत्नी जरूर आईं। विधायक की पत्नी संगीता सेंगर ने डीजीपी के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि उनके पति कुलदीप सिंह इस मामले में निर्दोष हैं। पीड़ित पक्ष उनके ऊपर गलत आरोप लगा रहा है।
पत्रकारों से बातचीत में संगीता ने कहा, “मेरे पति पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। मैंने डीजीपी से मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। डीजीपी ने हमें निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया है।”
विधायक की पत्नी ने आगे कहा, “मैं यहां सिर्फ अपने पति के लिए न्याय मांगने आई हूं। रंजिश के तहत मेरे पति को फंसाया जा रहा है।” आगे कहा, “इस सबके पीछे राजनीतिक साजिश है। मेरे पति और उस लड़की का नार्को टेस्ट होना चाहिए। इस मामले में हम लोग लगातार मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं, मगर अब तक कोई सुबूत पेश नहीं किया गया है। इसके बावजूद मेरे पति पर ब्लात्कारी होने का आरोप लगाया जा रहा है।”
There's political motive behind this. Make my husband & girl (rape victim) undergo narco test. My daughters are traumatised. We're being mentally harassed. No evidence has been presented yet, still he's being labelled as rapist: Sangeeta Sengar, accused MLA Kuldeep Senga's wife pic.twitter.com/GWZtKr5NbC
— ANI UP (@ANINewsUP) April 11, 2018
पीड़िता ने कहा, मुझे कमरे में कैद किया
उधर, दुष्कर्म पीड़िता ने एक बयान में सीएम योगी से न्याय की मांग की है। पीड़िता का कहना है कि जिलाधिकारी ने मुझे होटल के एक कमरे तक ही सीमित कर दिया है। मुझे यहां पानी तक भी नहीं पूछा जा रहा है। उसने कहा कि मेरी बस यही मांग है कि आरोपियों को सजा हो।
I appeal to CM Yogi Adityanath to provide me justice. The DM has confined me to a hotel room, they are not even serving me water. I just want the culprit to be punished: Unnao rape victim pic.twitter.com/swZkXRk7O3
— ANI UP (@ANINewsUP) April 11, 2018
पीड़िता का कहना है कि न ही कमरे में बिजली है। पीड़िता का कहना है कि कमरे में बिजली न होने के कारण मोबाइल फोन तक चार्ज नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण वह अपने परिवारवालों से संपर्क नहीं कर पा रही हैं।
दूसरी ओर, उन्नाव रेप मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरुप चतुर्वेदी के पत्र पर मुख्य न्यायमूर्ति और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लिया। जनहित याचिका के रूप में 12 अप्रैल को सुनवाई होगी।
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