उत्तर प्रदेश में शहर और गाँव दोनों को लगने वाला है बिजली का झटका , होगी कटौती

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उत्तर प्रदेश में शहर और गाँव दोनों को लगने वाला है बिजली का झटका , होगी कटौतीबिजली में होगी कटौती।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए बुरी ख़बर है। बिजली की बढ़ती डिमांड और आपूर्ति को देखते हुए कटौती शुरु हो सकती है। प्रदेश में लगभग 2500 मेगावाट बिजली की कमी हो रही है, जिसे देखते हुए शहर और गांव दोनों जगह पावर कट लगेंगे।

रात में 9:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक गांव में बिना पावर कट के बिजली और शहरों में 16 घंटे तक की आपूर्ति, पीक आवर्स में इतनी बिजली देने में अब दुश्वारियां आना शुरू हो गई हैं। प्रदेश में मांग और आपूर्ति का अंतर तेजी से बढ़ रहा है। जिसका असर बहुत जल्द ही देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग के मुकाबले 2500 मेगावाट कम बिजली की आपूर्ति होने से शहरों और गांवों में पावर कट लगाए जाएंगे। प्रदेश में जरूरत 18000 मेगावाट प्रतिदिन की है जबकि आपूर्ति 14500 मेगावाट प्रतिदिन ही हो रही है। पूरे प्रदेश में गांवों में रात में बिजली न काटने और शहरों में रात 9:00 बजे तक कट न लगाए जाने के निर्देश दिये गये हैं। मगर जरूरत पड़ने पर दोपहर में अब बिजली काटी जाएगी।

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ये आंकड़े प्रदेश भर में सुचारु बिजली आपूर्ति के लिए जिम्मेदार स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के अफसर ही मान रहे हैं, बेहतर आपूर्ति देने में अब दुश्वारियां आना शुरू हो गई हैं। हाल ही में प्रदेश में करीब 55000 हजार नये निशुल्क कनेक्शन दिये गये हैं। इसके अलावा 38 हजार कम शुल्क देकर कनेक्शन दिये गये हैं। इसके अलावा अधिक बिजली देने के दबाव में अब बिजली की मांग बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में अब एक बार फिर से प्रदेश को पावर कट से जूझना पड़ेगा।

ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने गोमतीनगर स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर (एसएलडीसी) का सुचारू बिजली आपूर्ति और उपलब्धता को लेकर निरीक्षण किया तथा विद्युत आपूर्ति की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने सेन्टर के जिम्मेदार अधिकारियों को निर्धारित मानक के अनुरूप बिना किसी भेदभाव के विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की संकट की स्थिति में रात में बार-बार बिजली आपूर्ति बाधित करने के बजाय एक ही बार में बिजली कटौती की जाए।


अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि, प्रदेश में निर्धारित शेड्यूल के तहत 15,419 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। उन्हें बताया गया कि आज सुबह पांच बजे से शाम चार बजे तक पूरे प्रदेश में कहीं भी बिजली कटौती नहीं की गई और इस समय विद्युत की फ्रीक्वेंसी बेहतर स्थिति में है।


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मगर अब बढ़ेगा संकट

प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने बताया कि जनता को बिजली को लेकर परेशानी न हो इसके लिए पावर कारपोरेशन लगातार कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग उद्योगों को अधिकतम आपूर्ति दे रहा है। मगर प्रदेश में पीक आवर के दौरान अभी भी विद्युत की मांग 18000मेगावाट तक पहुंच रही है। इसकी आपूर्ति बनाये रखने के लिए जिला मुख्यालयों में एक घण्टे तक की कटौती उपभोक्ताओं की सुविधानुसार की जा रही है और कोशिश रहती है कि ग्रामीण एवं तहसील तथा महानगरों में कटौती न होने पाये। मगर आगे अगर मांग इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो कट और बड़ी संख्या में लगाने पड़ेंगे।

“बिजली की उपलब्धता में कमी के कारण कटौती करना जरूरी हो तो ऐसे समय में की जाए, जिसमें लोगों को परेशानी न हो। रात 09 बजे तक शहरों में कटौती न करने के निर्देश दिए ताकि हाट-बाजारों में अंधेरा न रहे।”
श्रीकांत शर्मा, ऊर्जा मंत्री, उप्र

प्रतिदिन पावर सप्लाई रिपोर्ट दर्शाई जाएगी

ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा, “एसएलडीसी के निदेशक रामस्वारथ को निर्देश दिए कि जिलेवार और डिस्कामवार विद्युत आपूर्ति सम्बन्धी प्रतिदिन की रिपोर्ट डिस्प्ले सेन्टर में प्रदर्शित होनी चाहिए। इसके लिए जितना भी हो सके अधिक से अधिक आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाये। बिजली की उपलब्धता में कमी के कारण कटौती करना जरूरी हो तो ऐसे समय में की जाए, जिसमें लोगों को परेशानी न हो। रात 09 बजे तक शहरों में कटौती न करने के निर्देश दिए ताकि हाट-बाजारों में अंधेरा न रहे।”

     

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