कैबिनेट का फैसला: वृक्षारोपण के लिए किसानों को भी मुफ्त पौधे देगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की अगुवाई वाली कैबिनेट में 25 जून को कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है। इनमें मुफ्त पौधे देने के अलावा 6000 नलकूपों की मरम्मत और सिंचाई प्रणाली को दुरुस्त किया जाना भी शामिल है।
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लखनऊ। किसानों, ग्राम पंचायत, नगर पंचायतों, प्राधिकरण, सहकारी समितियों और स्कूल-कॉलेजों को वृक्षारोपण के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार मुफ्त में पौधे देगी। 25 जून को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्वात को मंदूरी मिल गई है। इन पौधो में यूकेलिप्टन और पॉपुलर के पौधे शामिल नहीं है।

प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से लगभग 10.80 करोड़ पौधों का रोपण वन विभाग द्वारा तथा लगभग 19.20 करोड़ पौधों का रोपण राज्य सरकार के अन्य राजकीय विभागों द्वारा जनहित सहभागिता के माध्यम से कराया जाना है। इसमें नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, जनपद स्तरीय विभागों के मुख्यालय, विकास खण्डों, कृषकों (किसानों) समाज सेवी संस्थाओं (एनजीओ) तथा एनएसएस के कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जाएगा। पौधा रोपण के दौरान कोविड प्रोटोकॉल को अनिवार्य किया गया है।

सरकारी बयान में कहा गया है कि वृक्षारोपण जन आन्दोलन, 2021-22 का उद्देश्य प्रदेश के वनावरण व वृक्षावरण में वृद्धि, जैवविविधता का संरक्षण एवं विकास तथा जन सहयोग से वानिकी को जन आन्दोलन बनाया जाना है। वन विभाग वृक्षारोपण हेतु एक तकनीकी विभाग है। विभाग में पौधरोपण हेतु पर्याप्त बजट उपलब्ध है और निर्धारित 10.80 करोड़ पौधरोपण के सापेक्ष 1755 पौधशालाओं में 42 करोड़ पौधे तैयार किये जा चुके हैं। वन विभाग को छोड़कर अन्य राजकीय विभागों के पास सामान्यतः बजट उपलब्ध नहीं रहता है।

वन विभाग द्वारा इसी कारण प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों एवं अन्य को वन विभाग एवं उद्यान विभाग की पौधशालाओं से निःशुल्क पौध (यूकेलिप्टस और पॉपलर को छोड़कर) उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है।

सरकार का आंकलन है कि 30 करोड़ पौधरोपण से प्रदेश में हरियाली बढ़ेगी और होगी तथा प्रदूषण की रोकथाम एवं भूजल स्तर में बढ़ोत्तरी होगी। पौधों के रोपण से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कृषकों की आय में भी वृद्धि होगी। इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन होगा। अभियान में शासकीय विभागों द्वारा वृक्षारोपण कराये जाने से मानकों के अनुसार रोजगार का भी सृजन होगा।

प्रदेश में 6600 राजकीय नलकूपों के लिए 28579.83 लाख रु का व्यय का प्रस्ताव पास

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थापित 6600 राजकीय नलकूपों की जल वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण एवं उपकरणों के प्रतिस्थापना की परियोजना की कुल लागत 28579.83 लाख रुपये (जी0एस0टी0 सहित) के व्यय प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

परियोजना को 03 वर्षों, वर्ष 2020-21 से प्रारम्भ होकर वर्ष 2022-23 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना के पूर्ण होने से 11.53 हेक्टेयर प्रति नलकूप की दर से लगभग 76082 हेक्टेयर सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी और लगभग 70,000 किसान परिवार लाभान्वित होंगे।

वर्तमान में प्रदेश में 34401 राजकीय नलकूपों द्वारा कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। वर्ष 2018-19 की वार्षिक गणना में 6600 राजकीय नलकूप ऐसे पाये गये, जिनकी जल वितरण प्रणाली/पम्प हाउस/डिलीवरी टैंक/पक्की गूल/पी0वी0सी0 पाइप जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं। इन्हीं 6600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण एवं उपकरणों के प्रतिस्थापना हेतु यह परियोजना तैयार की गयी है।

प्रदेश के कुल सिंचित क्षेत्रफल का लगभग 73 प्रतिशत भाग नलकूपों से सींचा जाता है, जिसमें निजी एवं राजकीय नलकूप शामिल हैं। राजकीय नलकूपों का निर्माण लघु एवं सीमान्त कृषकों के बहुतायत वाले क्षेत्रों में कराया जाता है। यह परियोजना लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए विशेष लाभप्रद है। इससे खाद्यान्न उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

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