उन्नाव गैंगरेप केस में सीबीआई ने पीड़िता द्वारा लगाए गए उन आरोपों की पुष्टि कर दी है। जिसमें उसने कहा था कि पिछले साल 4 जून को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका रेप किया था, जबकि उस दौरान उनकी महिला सहयोगी शशि सिंह कमरे के बाहर पहरा दे रही थी। सूत्रों के मुताबिक, पीड़ित लड़की जहां बांगरमऊ के विधायक सेंगर का नाम लेती रही, वहीं स्थानीय पुलिस ने 20 जून को दर्ज एफआईआर में विधायक और अन्य आरोपियों के नाम शामिल नहीं किए।
पुलिस की लापरवाही भी आई सामने
सीबीआई को मामले में स्थानीय पुलिस की लापरवाही के भी सबूत मिले हैं। सीबीआई की अब तक की जांच में सामने आया है कि पहली बार दर्ज करवाई गई एफआईआर में पुलिस ने आरोपी विधायक का नाम शामिल ही नहीं किया था। बता दें कि सीबीआई के पास जांच के लिए इस समय जो मामला है, वह आरोपी विधायक के खिलाफ चौथी एफआईआर थी। इतना ही नहीं केस को लटकाने और आरोपी विधायक को बचाने के लिए पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराने में भी देरी की।
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कुलदीप सिंह पर था गैंगरेप का आरोप
गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप किया था। उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी। जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई। इसके बाद तहरीर बदल दी गई। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई।
(एजेंसी)
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