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यूपी : नहीं माफ हुआ फसली ऋण तो करिए फिर से आवेदन, ये हैं अंतिम तारीख

#कर्जमाफी

लखनऊ/कन्नौज। उत्तर प्रदेश के उन किसानों के लिए राहत भरी खबर है कि जिन किसानों का फसली ऋण माफ नहीं हुआ था या किसी कारणवश योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए थे, उनको एक और मौका दिया गया है। 21 जनवरी 2019 आखिरी तारीख है।

उप निदेशक कृषि कन्नौज आरएन सिंह बताते हैं, ”कृषि विभाग में हेल्प डेस्क खोल दी गई है। ऋण लेने वाले किसान अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह आखिरी मौका है।”

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जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार बताते हैं, ”कन्नौज में पांच राउंड के तहत 63,194 किसानों का लोन माफ हुआ था। 1,064 अप्लीकेशन पेंडिंग में हैं। सात जनवरी 2019 से 21 जनवरी 2019 तक कार्यालय समय में किसान अपनी-अपनी अप्लीकेशन दे सकते हैं।”

आगे बताया, ”योजना के तहत एक लाख तक का फसली ऋण माफ होगा। जो किसान लाभ से वंचित रह गए हैं, उनका सत्यापन कराया जाएगा। प्राप्त शिकायतों की जांच का सत्यापन बैंक और राजस्व विभाग के माध्यम से होगा।”

प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने चार जनवरी 2019 को यूपी के सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है, ”फसल ऋण मोचन योजना के तहत जो लोग वंचित रह गए हैं उनका सत्यापन कराते हुए जिला स्तरीय समिति के निर्णय के अनुसार अर्ह कृषकों को प्राथमिकता के आधार पर भुगतान किया जाए।”

प्रमुख सचिव ने यह भी कहा है, ”अर्ह पाए गए कृषकों की डिमांड जिलास्तर पर प्रत्येक माह की एक से तीन और 16-18 तारीख तक सूची दो बार जनरेट कर दी जाए।”


इनको मिलेगा लाभ

जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार ने बताया, ”31 मार्च 2016 के पहले का फसली ऋण होना चाहिए। एक लाख की सीमा तक का लोन माफ किया जाएगा। लघु व सीमांत किसानों के पास दो हेक्टेयर से कम की जमीन का स्वामित्व होना चाहिए।”

आगे कहा, ”जिन किसानों ने ऋण जमा कर दिया या निकाल लिया है वह माफ नहीं होगा।”

ऐसे मामले अधिक आ रहे

कन्नौज के जसोदा क्षेत्र से आए किसान अशोक चंद्र ने बताया कि ”आर्यावर्त ग्रामीण बैंक शाखा जसोदा से हमने अपने केसीसी खाते से कोई पैसा नहीं निकाला लेकिन मोबाइल पर 50 हजार रूपए निकालने का मैसेज आ गया। हमको पता नहीं होता है कि कागज कौन-कौन से हैं और किस काम के, लेकिन बैंक वाले हस्ताक्षर करा लेते हैं।” इस बाबत जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि ”ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें किसानों ने शिकायत की है कि बैंक ने खुद ही बेवजह रेन्यूवल कर दिया या रूपए निकाल कर जमा कर दिए।” उन्होंने बताया कि ”मुख्यमंत्री की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में कहा गया था कि ”अगर बैंक लिखकर देता है कि रेन्यूवल बैंक की ओर से किया गया है तो उस किसान का ऋण माफ हो जाएगा। लेकिन बैंक कम ही लिखकर देंगे।”  

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