गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 30 अप्रैल तक प्रदेश में कोविड-19 के 03 लाख 10 हजार एक्टिव केस थे। आज (10 मई) को 02 लाख 25 हजार एक्टिव केस हैं। इस प्रकार प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या में 85 हजार की कमी आयी है। मुख्यमंत्री ने ये बातें सोमवार को गोरखपुर और बस्ती मंडल में कोविड के प्रबंधन और कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक व्यक्ति का जीवन अमूल्य है उसे हर हाल में बचाना है। समय पर मरीज को उपचार की सुविधा दिये जाने से वह निश्चित आरोग्यता को प्राप्त करेगा। इसलिए रोग को छिपाया न जाए, क्योंकि अगर बीमारी है तो उसका उपचार आवश्यक है।
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आधित्यनाथ ने जनपद गोरखपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, चरगावा पर 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के कोविड टीकाकरण कार्य का निरीक्षण किया। इसके अलावा बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए संचालित कोविड वैक्सीनेशन कार्य का भी निरीक्षण किया।
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निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 प्रबन्धन के सम्बन्ध में गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड प्रबन्धन कार्य में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि गांवों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेशव्यापी विशेष जांच अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के प्रभावी और त्वरित संचालन के लिए सभी जनपदों में निगरानी समितियों तथा आरआरटी की संख्या बढ़ाई जाए। निगरानी समितियों की संख्या में 03 से 04 गुना तक वृद्धि की जाए। उन्होंने आरआरटी को पर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध सभी लोगों को निगरानी समितियों के माध्यम से मेडिकल किट वितरित की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि मेडिकल किट में सभी निर्धारित दवाएं अनिवार्य रूप से हों। राज्य सरकार द्वारा मेडिकल किट की पर्याप्त दवा हर जनपद में उपलब्ध करायी गयी है। ऐसे मरीजों के पॉजिटिव आने पर उनके उपचार की तुरंत व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों के साथ नियमित संवाद स्थापित करते हुए उनके स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की जाए और उन्हें मेडिकल परामर्श दिया जाए। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की विधानसभा वार सूची/मोबाइल नम्बर सांसदों एवं विधायकों को भी उपलब्ध कराये जाये ताकि वे इन मरीजों से संवाद स्थापित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन ऑडिट कराया जाना आवश्यक है। कहीं भी ऑक्सीजन की कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।
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108 एंबुलेंस सेवा के 75 फीसदी वाहन कोविड में हो प्रयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘108’ एम्बुलेंस सेवा के 75 प्रतिशत वाहनों का प्रयोग कोविड कार्य में किया जाये। प्राइवेट अस्पतालों तथा निजी एम्बुलेन्स की दर निर्धारित किया जाए। यदि इनके द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक धनराशि ली जाती है, तो सम्बन्धित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कोविड अस्पतालों में कैमरे लगाए जाने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कोविड हॉस्पिटल द्वारा प्रतिदित कम से कम एक बार मरीजों के स्वास्थ्य एवं उपचार के सम्बन्ध में जानकारी उनके परिजनों की जरूर दी जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्यान्न वितरण कार्य की निगरानी हेतु एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। गेहूं क्रय केन्द्रों को सोशल डिस्टेंसिंग/कोविड प्रोटोकाल के तहत संचालित किया जाये। गोआश्रय स्थल पर चारे आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए।
बैठक में मण्डलायुक्त जयन्त नार्लिकर ने गोरखपुर मण्डल में कोविड प्रबंधन के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि टेस्टिंग, कान्टेक्ट टेªसिंग, सेनेटाइजेशन, स्वच्छता, वैक्सीनेशन आदि कार्यों को तेजी से कराया जा रहा है। मण्डल में कुल 63042 एन्टीजेन टेस्ट, 54633 आरटीपीसीआर सैम्पलिंग करायी गयी है। उन्होंने आगे बताया कि इसके अतिरिक्त मण्डल में कुल 4856 निगरानी समितियां क्रियाशील हैं, इसमें ग्रामीण क्षेत्र की 4368 तथा शहरी क्षेत्र की 488 निगरानी समितियां शामिल हैं।
गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल की समीक्षा के पश्चात मुख्यमंत्री ने एम्स का निरीक्षण कर वहां पर बोइंग कंपनी के सहयोग से कोविड हॉस्पिटल की स्थापना के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर सांसद रविकिशन, कमलेश पासवान एवं जयप्रकाश निषाद, विधायक विपिन सिंह, संगीता यादव, महेन्द्रपाल सिंह, संत प्रसाद, शीतल पाण्डेय एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।