बाल दिवस 2017: किसी ने दौड़ में मारी बाज़ी, तो कोई पेंटिंग का उस्ताद

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   15 Nov 2017 8:38 PM GMT

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बाल दिवस 2017: किसी ने दौड़ में मारी बाज़ी, तो कोई पेंटिंग का उस्तादबाल दिवस 2017 : बाल गृहों के बच्चों ने दिखाया जौहर

लखनऊ। महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा बाल दिवस के मौके पर प्रदेश भर से अलग-अलग प्रतिभाओं को एक मंच देकर राज्य स्तरीय खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बाल दिवस (14 नवंबर) के एक दिन पहले से ही खेलकूद प्रतियोगिताएं शुरू हो गई थीं।

दिव्यांग बच्चों की मनमोहक प्रस्तुति

अलग-अलग क्षेत्रों में स्पेशल बच्चों की भलाई के लिए काम कर रही संस्थाओं ने प्रदर्शनी भी लगाई। इससे इतर एक बड़े से मंच पर जब दिव्यांग बच्चे अपनी प्रस्तुति दे रहे थे तो उनके तालमेल को देख कर लोगों ने दांतों तले अंगुलियां दबा लीं।

"पिछले तीन वर्षोँ से हम इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। इसका मकसद है कि कई बच्चे ऐसे होते हैं कि उन्हें अपना हुनर दिखाने के लिए मंच नहीं मिल पाता। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 700 से अधिक बच्चे आए हैं, जिनमें गजब का उत्साह है। इस तरह के कार्यक्रमों से विभाग को भी मौका मिल पाता है कि हुनरमंद बच्चों को चिन्हित कर उन्हें आगे बढ़ाया जाए," रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश ने कहा। प्रदेश स्तरीय इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव व राजन राय ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।

दिव्यांग हिमांशु की बनाई हुई तस्वीरें मन माेह लेगी आपका

भले ही हिमांशु (16 वर्ष) बोल व सुन नहीं पाता हो लेकिन उसकी बनाई हुई हर एक तस्वीर एक कहानी कहती है। लखनऊ में महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की तरफ से मनाए जा रहे बाल दिवस 2017 कार्यक्रम में उसे अपना हुनर दिखाने के लिए आखिरकार वो मंच मिला, जिसका वो काफी समय से इंतज़ार कर रहा था।

कानपुर नगर में दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी से जुड़े हिमांशु पेंटिंग बनाने में माहिर हैं। कक्षा- 10वीं में पढ़ रहे हिमांशु की मदद इस संस्था की प्रमुख मनप्रीत कौर ने की। मनप्रीत ने बताया,'' हिमांशु की तरह ही बहुत सारे बच्चों को समाज आसानी से नहीं अपना पाता है, जबकि इनके अंदर छिपी कला इन्हें सबसे अलग बनाती है। हमारी संस्था इन बच्चों के हुनर को बड़ा मंच दिलाने में इनकी मदद कर रही है। इस बाल दिवस पर हम हिमांशु की बनाई तस्वीर को प्रदेश के दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के मंत्री ओम प्रकाश राजभर को भेंट करने जा रहे हैं।''

दिव्यांग बच्चों की पेंटिंग देख दंग रह गए लोग । हिमांशु की बनाई हुई पेंटिंग


हिमांशु की तरह ही प्रदेश के शासकीय और स्वैच्छिक संगठनों के बाल गृहों में रह रहे हज़ारों बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तर प्रदेश ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 13 नवंबर को चित्रकला प्रतियोगिता, खेलकूद प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश भर से आए 35 से अधिक संगठनों के बच्चों ने बढ़-चढ़ के हिस्सा लिया।

बाल दिवस के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेते दिव्यांग छात्र।

कार्यक्रम के बारे में महिला कल्याण विभाग के निदेशक राम केवल ने बताया कि बाल दिवस में प्रदेश के कई जिलों में स्थापित बाल गृहों के बच्चों का मनोबल बढ़ाने और उनके व्यक्तित्व विकास के लिए विभाग द्वारा बच्चों की प्रतिभागिता वाले विविध कार्यक्रमों का आयोजन 13 व 14 नवंबर को किया जा रहा है।

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बाल दिवस -2017 कार्यक्रम में प्रदेश के कानपुर नगर के राजकीय बाल गृह (बालिका) में रहने वाले बच्चों ने खुद से बनाई गई कलाकृतियों और हस्तशिल्प उत्पादों का स्टॉल लगाया। स्टॉल में बाल गृह में रह रही बलिकाओं व्दारा बनाई गई वस्तुएं (हैंडमेड गुलदस्ते, आर्टीफीशियल ज्वैलरी और वॉल हैंगिंग ) रखी गई थी।

राजकीय बाल गृह की छात्राओं ने लगाया स्टॉल।


कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों के लिए 100 मीटर दौड़ का भी आयोजन किया गया, दौड़ में प्रदेश के लिए निजी व सरकारी दिव्यांग कल्याण संस्थाओं के बच्चों ने अपना जौहर दिखाया।

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बाल दिवस कार्यक्रम में मुख्य आयोजन 14 नवंबर 2017 को बाल दिवस पर किया जाएगा। मुख्य आयोजन में शासकीय और स्वैच्छिक संगठनों के साथ-साथ कई प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर उच्च न्यायलय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति विक्रमनाथ शामिल होंगे।

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