लखनऊ। सीमैपऔर डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयू (सहमतिपत्र) के बाद संस्थान के शोध और सामान्य छात्र एक-दूसरे केंद्र पर जाकर शोध में हिस्सा ले सकेंगे।
इस एमओयू के माध्यम से दोनों संस्थानों में शोध एवं शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी और वैज्ञानिक, शिक्षक एवं शोध छात्रों को एक दूसरे के यहां कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। इसके अलावा इन संस्थानों द्वारा आयोजित प्रशिक्षण प्रोग्राम, पीएचडी प्रोग्राम तथा अन्य विषय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में वैज्ञानिक/शिक्षक और शोध छात्र प्रतिभाग कर सकेंगे।
सीमैप के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया, “सीमैप अवध विश्वविद्यालय के साथ समयबद्ध और वैज्ञानिक सहयोग से सरयू नदी के तटों पर खस और अन्य सगंध पौधों की खेती तथा उनका प्रसंस्करण एरोमा मिशन के अंतर्गत करेगा। सीमैप साथ ही में विश्वविद्यालय में हर्बल गार्डन की स्थापना में सहयोग करेगा।”
राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने यह आशा जताई कि औषधीय एवं सगंध कि उन्नत प्रजातियों से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और इस मॉडल क्लस्टर से फ़ैज़ाबाद में किसानों को पारंपरिक खेती का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा।”
इस समझौते के बाद सीमैप और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक/शिक्षक एक दूसरे के शोध छात्रों को अपने निर्देशन में शोध करा सकेंगे। दोनों संस्थान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं के लिए संयुक्त रूप से आवेदन कर सकेंगे।
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सीमैप की ओर से निदेशक, अनिल कुमार त्रिपाठी के अलावा प्रो.जसवंत सिंह, डॉ.लईकुर रहमान, डॉ.आलोक कालरा, डॉ.विक्रांत गुप्ता, डॉ.अनिर्बान पाल, डॉ.शोएब लुक़मान, ई.मनोज सेमवाल, डॉ. वीआर सिंह, डॉ. संजय कुमार और डॉ. रमेश श्रीवास्तव भी मौजूद थे।