स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार सीएम ने दिया स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश

Jitendra TiwariJitendra Tiwari   10 Aug 2017 7:06 PM GMT

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स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार सीएम ने दिया स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशसीएचसी और पीएचसी की बदहाली नहीं दूर करने पर होगी कार्रवाई

हरिओम शुक्ला - स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर व बस्ती मंडल के स्वास्थ्य अधिकारियों व चिकित्सकों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने हर हाल में बदहाल व्यवस्था को दुरुस्त करने का फरमान सुना दिया है।

अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग में सीएम के फरमान का कितना असर धरातल पर नजर आ रहा है? मुख्यमंत्री ने 102 एवं 108 एम्बुलेंस सेवा को बेहतर करने पर जोर दिया है। कहा कि इसकी सेवाएं बेहतर न होने की शिकायतें प्राप्त हो रही है, यदि इसकी सेवाओं में लापरवाही पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि एम्बुलेंस सेवा के अभाव में किसी मरीज को रिक्शा या कंधे पर ले जाने की शिकायत मिली तो सीधे तौर पर सीएमओ जिम्मेदार होंगे। एम्बुलेंस सेवा सुचारू रूप से जनता को समय से उपलब्ध होनी चाहिए। संवेदनहीनता किसी भी स्थिति में क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हर जिले में एम्बुलेंस सेवा के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएं जो इन्हें सक्रिय रखें और निरन्तर पर्यवेक्षण करता रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सीएचसी, पीएचसी व जिला चिकित्सालय में उपचार की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए तथा इंसेफलाइटिस बीमारी के कारक, लक्षण एवं उसके बचाव के प्रति लोगों में जनजागरूकता लाई जाए ताकि जनमानस इस भयावह बीमारी से बच सके। उन्होंने सभी सीएचसी व जिला चिकित्सालय में नि:शुल्क उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से सीएचसी का भ्रमण करते रहे तथा यदि वहां कोई कमी हो तो जनहित के दृष्टिगत तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाये। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों की उपस्थिति जरूरी है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने जनपदवार स्वास्थ्य सेवाओं की वृहद समीक्षा करते हुए कहा कि किसी भी जिले में मरीज के उपचार में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए, इलाज के अभाव में किसी मरीज की मौत न होने पाये। यदि ऐसा पाया जाता है तो सीएमओ व एडी हेल्थ जिम्मेदार होंगे। कहा कि इसके लिए अधिकारी निरन्तर क्षेत्रीय भ्रमण करते रहे। चिकित्सक मरीज का बिना भेदभाव उपचार करें, किसी सिफारिश की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। समुचित दवाएं उपलब्ध करायें। उन्होंने आगे कहा कि जेई व एईएस के अलावा डेंगू आदि के नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य विभागों की भी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसलिए संबंधित विभागों से समन्वय भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रम को बढ़ाना नितान्त आवश्यक है, सभी नगर पंचायतों में अधिशासी अधिकारी की तैनाती अवश्य कर दी जाये, नियमित सफाई हो, सडक़ों एवं नालियों की सफाई नियमित रूप से कराई जाये, प्लास्टिक के प्रयोग प्रतिबंधित किए जाएं। क्योंकि प्लास्टिक से नालिया चोक हो जाती हैं, हर दिन वार्ड में फागिंग कराई जाये, कूड़ा सडक़ पर न फेंके बल्कि निश्चित स्थान पर रखा जाए।

उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल हेतु एक अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जाये, हैंडपंपों का रिबोर कार्य अगर प्रधान व सेक्रेटरी द्वारा समय से नहीं कराया जा रहा है, तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इंसेफलाइटिस प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छ शौचालय उपलब्ध करायें और यदि भूमि न हो तो उसे भूमि भी उपलब्ध कराई जाए।

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