“भगवान कृष्ण ने सुदामा से किया था कैशलेस ट्रांजेक्शन”
Rishi Mishra 24 April 2017 7:42 PM GMT
लखनऊ। कैशलेस वित्तीय व्यवस्था का सबसे बड़ा उदाहरण कृष्णकाल में मिलता है। जब द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण ने अपने परम मित्र सुदामा के साथ के साथ इसी तरह का ट्रांजेक्शन किया था। सुदामा भगवान के घर तीन मुट्ठी चावल लेकर गए थे। मगर बदले में उनको कोई मुद्रा देने के स्थान पर अपने चमत्कार के जरिये कृष्ण ने उनके झोपड़े को महल में तब्दील कर के उन्हें धनधान्य से पूर्ण कर दिया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैशलेस व्यवस्था को कुछ इसी तरह से परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि कैशलेस काम के बहुत फायदे है। पंचायतों को भी कैशलेस किया जाना जरूरी है। उन्होंने पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे हर तरह के भुगतान नगदविहीन करें। जिससे घूस लेनदेन पर रोक लगे।
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अगर कोई रिश्वत मांगे तो उसको कह दें कि वह अपना अकाउंट नंबर बता दे। अगर कोई अकाउंट में ट्रांसफर के जरिये घूस लेने के लिए तैयार होगा तो निश्चित है कि वह जेल जाने के लिए भी तैयार होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात में पंचायतें कैशलेस व्यवस्था के तहत बेहतरीन काम कर रही हैं। मैंने इस संबंध में केंद्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री पुरुषोत्त्म रुपाला से पूछा तो उन्होंने बताया कि, हमारे यहां तो ये व्यवस्था कृष्ण जी के समय से है। जब सुदामा द्वारिका आए थे। उन्होंने सुदामा के साथ नगद व्यवहार नहीं किया था। यह कैशलेस भुगतान का पहला उदाहरण था।
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भीम ऐप और आधार कार्ड के जरिये भुगतान की जानकारी दी
अकाउंट को किस तरह से भीम एप और आधार कार्ड से लिंक कर के कैशलेस भुगतान किया जा सकता है, इसकी जानकारी किसानों को दी गई। उनको बताया गया कि ये तरीके बहुत सुरक्षित बहुत आसान हैं। सबसे अच्छा आधार कार्ड के जरिये भुगतान है। जिसमें केवल अंगूठे के इंप्रेशन के जरिये भुगतान होता है।
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