नई और अनसुनी कविताओं के लिए “कविशाला मीटअप” आइये
गाँव कनेक्शन 12 Dec 2017 4:57 PM GMT
लखनऊ। कविता हमेशा से समाज का दर्पण रही है, उसे सम्मान और सही स्थान सदैव मिलना चाहिए। कविशाला एक ऐसा ही प्लेटफार्म है। नयी और अनसुनी कविताओं को समाज के सामने लाने का संघर्षरत है।
इसकी शुरुआत अंकुर मिश्रा ने डेढ़ साल पहले की थी। कविशाला ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरह से नये कवियों की कविताओं को बाहर लाने का प्रयास करती रहती है। ऑनलाइन कविशाला डॉट इन नाम की वेबसाइट है जिससे पिछले एक साल में लगभग पांच हजार लोग जुड़े हैं जो लगभग पचास हजार कविताएं साझा कर चुके है। कविशाला नए कवियों की किताब भी प्रकाशित करता है और उनकी कविताओं को अलग-अलग माध्यमों से आगे लाने का प्रयास करता रहता है।
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इसी क्रम में कविशाला हर महीने देश के विभिन्न शहरों में कविशाला मीटअप का आयोजन करवाता है। जिसमें बड़ी संख्या में कवि और कविता प्रेमी इकठ्ठा होकर कविताओं पर विचार विमर्श करते हैं, एक दूसरे को कविताएं सुनाते हैं। अभी तक कविशाला दिल्ली, मुंबई, सूरत, उदयपुर, जयपुर, रायपुर, गुडगाँव , लखनऊ इत्यादि शहरों में मीटअप का आयोजन कर चुका है। यहाँ पर हर महीने कविताओं पर संवाद होता है।
आगामी 17 दिसंबर को लखनऊ में कविशाला मीटअप का आयोजन होने जा रहा है। लखनऊ में कविशाला मीटअप 'शीरोज हैंगआउट' में होता है जो गोमती नगर स्थित है। जो कवि या कविता प्रेमी इस मीटअप शामिल होना चाहते हैं उन्हें कविशाला डॉट इन पर रजिस्ट्रेशन करना होगा, रजिस्ट्रेशन नि:शुल्क है।
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