धीरे धीरे विस्फोटक पहुंचा कर धमाका करना चाहते थे साजिशकर्ता
Rishi Mishra 14 July 2017 9:58 PM GMT
लखनऊ। विधानसभा में एक पुड़िया खतरनाक विस्फोटक मिलने को पुलिस किसी खतरनाक आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए चला गया पहला कदम मान रही है। माना जा रहा है कि इस तरह से थोड़ा थोड़ा कर के पहले विस्फोटक सदन के भीतर पहुंचाये जाने की तैयारी थी। जिसके बाद में डेटोनेटर और टाइमर को पहुंचा कर देश में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले को साजिशकर्ता अंजाम देना चाहते थे। इस संबंध में एनआईए के क्षेत्रीय प्रभारी और यूपी एटीएस के प्रमुख के बीच आधे घंटे की बातचीत में कई अहम जानकारियां साझा की गई हैं।
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वैरी हाईसिक्योरिटी जोन होने के बावजूद विधानसभा के भीतर खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन पहुंचाना लगभग असंभव है। इसके बावजूद ये काम हुआ। एटीएस के आईजी असीम अरुण और एनआईए के प्रमुख प्रशांत कुमार के बीच इस घटना को लेकर आगे की कार्यवाही के संबंध में करीब आधे घंटे की मुलाकात एटीएस मुख्यालय में शुक्रवार को हुई। जिसको लेकर सूत्रों ने बताया कि, जांच एजेंसियां अब तीन स्तर पर अपनी जांच करेंगी। माना जा रहा है कि या तो कोई विधायक, या विधानसभा का कोई अफसर या फिर कोई कर्मचारी विस्फोटक को भीतर लाने में जुड़ा हुआ है।
150 ग्राम पीईटीएन तो शुरुआत थी, 250 ग्राम पदार्थ में उड़ सकता था सदन
250 ग्राम विस्फोटक बड़े धमाके के लिए था काफी
खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेषज्ञों के हवाले से माना कि 250 ग्राम पीईटीएन सदन को उड़ा देने के लिए सक्षम था। एटीएस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, इस तरह से धीरे धीरे कर के दो या तीन बार में विस्फोटक को सदन के भीतर पहुंचाने की साजिश थी। जिसके बाद में इस पदार्थ का इस्तेमाल बम के रूप में किया जाता।
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मोबाइल से ही बन सकता है डेटोनेटर
मोबाइल से ही डेटोनेटर बन सकता है। एटीएस के सूत्रों ने बताया कि, मोबाइल में जो मैकेनिज्म होता है, ठीक उसी तरह से डेटोनेटर काम करता है। ऐसे में डेटोनेटर बनाने में भी साजिशकर्ताओं को कोई खास तकलीफ नहीं होनी थी।
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