खुद ड्राइव करते हैं और गाड़ी पर लगाते हैं लालबत्ती
Rishi Mishra 20 April 2017 5:10 PM GMT
लखनऊ। बिना किसी जांच के गुजर जाना। मुख्य चौराहों पर अर्दब गांठना और बदले में ट्रैफिक गाड़ियों से लालबत्ती उतरने के सिलसिले का आगाज हो गया है। मगर बत्ती के दुरुपयोग के नजारे भी मजेदार हैं। कई नये अफसर जिनको कारें सरकार की ओर से नहीं मिली हैं, वे अपनी निजी कारों पर लालबत्ती लगाते हैं और खुद ही उनको ड्राइव भी करते हैं। ऐसे नजारे राजधानी में आम है। निजी कारें जैसे अल्टो, सेंट्रो, आई-10 पर लाल बत्तियां गाहे बगाहे देखी जा सकती हैं। केंद्र सरकार ने भले ही लालबत्ती पर रोक लगा दी। जिसके लिए अंतिम समयसीमा 30 अप्रैल तक तय है। मगर छोटे अफसर अब तक लालबत्ती का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। इसके दूसरी ओर अनेक बड़े नेताओं ने लालबत्ती उतारना शुरू कर दी है।
राजधानी में सेशन कोर्ट के पास हाल ही में पीसीएस जे के तहत चुने गए मजिस्ट्रेट की कार में ये नजारा सामान्य तौर पर देखा जा सकता है। यहां अपनी निजी कारों पर लालबत्ती लगा दी जाती है। लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम, पुलिस, अग्निशमन और यहां तक की बिजली विभाग के अफसरों के मन में लाल नीली बत्ती का मोह कभी कम नहीं रहा। अधिशासी अभियंता और उप सचिव स्तर के अफसर भी गाड़ियों पर लाल और नीली बत्ती लगा कर घूमते रहे।
लालबत्ती के पुराने मानक
- लालबत्ती केवल संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए ही तय थी।
- पद पर बैठे व्यक्ति के लिए केवल एक सरकारी गाड़ी पर ही लालबत्ती लगाई जा सकती थी।
- आईएएस और आईपीएस अधिकारी लालबत्ती का उपयोग नहीं कर सकते थे।
- लालबत्ती गाड़ी को केवल सरकारी चालक ही ड्राइव कर सकता था।
कई मंत्रियों ने कार से हटाई लालबत्ती
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, महिला एवं बाल विकास मंत्री रीता जोशी बहुगुणा, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित कई अन्य मंत्रियों की गाड़ियों से लालबत्ती बृहस्पतिवार को उतार दी गई। केशव प्रसाद मौर्य ने खुद ही अपनी कार से बत्ती उतारी। उनके अलावा भी कई मंत्रियों ने अपनी कार से बत्तियां उतरवाईं।
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