यूपी के दवा विक्रेताओं ने अगर हड़ताल की तो उनकी खैर नहीं

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यूपी के दवा विक्रेताओं ने अगर हड़ताल की तो उनकी खैर नहींजेनरिक दवाइयों की बिक्री के विरोध में उत्तर प्रदेश के ड्रगिस्ट और केमिस्ट 30 मई को हड़ताल पर जाने वाले हैं। 

लखनऊ। जेनरिक दवाइयों की बिक्री के विरोध में प्रदेश भर के ड्रगिस्ट और केमिस्ट 30 मई को हड़ताल करने जा रहे हैं। इस हड़ताल के विरोध में प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपना लिया है।

प्रदेश की खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की आयुक्त कामिनी चौहान रतन ने केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट फेडरेशन, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रदेश में दिनांक 30 मई को दवाओं की दुकानें बन्द रखने के निर्णय के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

यूपी की प्रदेश सरकार ने दवा विक्रेताओं के हड़ताल करने पर कठोर कार्यवाही के आदेश दिए

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उन्होंने बताया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत दवाओं को जरूरी वस्तु माना गया है। केन्द्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत प्रख्यापित ड्रग्स (प्राइस कन्ट्रोल) आर्डर, 2013 के प्रस्तर-28 (बी)में स्पष्ट रूप से प्राविधानित है कि कोई भी दवा विक्रेता, दवाओं की बिक्री को नहीं रोकेगा और न ही इसकी बिक्री से इन्कार कर सकता है।

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इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने अधीनस्थ जनपदों में यह आवश्यक रूप से सुनिश्चित करें कि दवा विक्रेताओं द्वारा दवाओं की बिक्री/आपूर्ति किसी भी तरह बाधित न होने पाए ।

यदि ऐसा कहीं पाया जाता है तो सम्बन्धित दुकानदारों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955 सहपाठित ड्रग्स (प्राइस कन्ट्रोल) आर्डर, 2013 के प्रस्तर 28 (बी) के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही की जायेगी।

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