पानी के संसाधनों की कमी से हो रही परेशानी, तालाब और कुएं भी पड़े हैं सूखे 

Diti BajpaiDiti Bajpai   27 April 2017 3:43 PM GMT

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पानी के संसाधनों की कमी से हो रही परेशानी, तालाब और कुएं भी पड़े हैं सूखे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

शाहजहांपुर। लगातार बढ़ती गर्मी से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। “पहले गाँव में कुएं बने हुए थे अब तो उनका नामोनिशान ही खत्म हो गया है और जो तालाब बने हुए हैं वो पाट दिए गएं है। जो कुछ गिने चुने तालाब हैं वो सूखे पड़े हैं।”

ऐसा बताती हैं, शाहजहांपुर जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर पुवायां तहसील के सतवा गाँव की देवकली देवी (66वर्ष)।देवकली आगे बताती हैं, “हमारे गाँव में लोगों को साफ़ पानी भरने के लिए 10 किमी. दूर जाना पड़ता है, गाँव में पानी कि बहुत बड़ी समस्या है पर कोई देखने वाला नहीं है।” सतवा गाँव में 200 से ज्यादा घर हैं और वो पानी कि समस्या से जूझ रहे हैं। गाँव में न तालाब भरे हैं और न हैंडपंप सुधरे हुए हैं।

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पुवायां क्षेत्र में साठा धान की बड़े पैमाने पर खेती से जलस्तर लगातार गिर रहा है। पानी की समस्या से निपटने को इस ओर भी ध्यान देने कि जरुरत है। पुरेना गाँव के हरिकृष्ण यादव (47 वर्ष) बताते हैं, “अभी कुछ दिन पहले ही साठा धान की रोपाई को लेकर लोगों ने जिले प्रदर्शन किया लेकिन फिर भी किसानों ने रोपाई की।

इस धान की बुवाई से पानी की समस्या हो रही है अगर ऐसे ही यह धान लगा तो लोग प्यासे ही मर जाएंगे।” पानी की ज्यादा खपत के कारण ही साठा के खेती कई राज्यों प्रतिबंधित की जा चुकी है। पुवायां इलाके में भी साठा की रोपाई पर रोक लगाई गई, लेकिन इसके बावजूद भी किसानों ने साठा की रोपाई की है।

तालाबों पर अवैध कब्जे

पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए तालाब और नदियां ही एकमात्र जरिया हैं, लेकिन इन तालाबों को पाटकर लोगों ने खेती करना शुरू कर दिया। पुवायां तहसील के कमलापुर गाँव के अविनाश कुमार (75 वर्ष) बताते हैं, “क्षेत्र में गोमती, झुकना, कठिना, भैसी नदियों के आस पास कि जगह पर लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है। उस पर लोग खेती कर रहे हैं और आम जनता को दिक्कत हो रही है।”

हैंडपंप भी ख़राब

कस्बों और गाँवों में साफ़ पानी उपलब्ध कराने के मकसद से लगाए गए इंडिया मार्का हैंडपंप भी ज्यादातर गाँव में ख़राब पड़े हुए हैं। पुवायां तहसील के पुरेना गाँव के रामशंकर वर्मा (55 वर्ष) बताते हैं, निर्धारित से कम गहराई तक बोरिंग और बेकार सामग्री के कारण यह बार बार ख़राब हो जाते हैं। जब सही कराने की शिकायत तो अधिकारी सुनते ही नहीं हैं हमारे गाँव में तीन नल ख़राब पड़े हुए हैं।

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