अफवाह के चलते दोपहर में ही खत्म करना पड़ा शिक्षामित्रों को प्रदर्शन

Meenal TingalMeenal Tingal   9 Sep 2017 7:25 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
अफवाह के चलते दोपहर में ही खत्म करना पड़ा शिक्षामित्रों को प्रदर्शनशिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर किया प्रदर्शन

लखनऊ। अपनी मांगों के हक में आन्दोलन कर रहे शिक्षामित्रों ने गुरुवार को भी आन्दोलन को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के लगभग हर जिले में प्रदर्शन किया। इसी क्रम में लखनऊ में भी बेसिक शिक्षा निदेशालय पर शिक्षामित्र संगठनों ने सुबह प्रदर्शन शुरू किया लेकिन दोपहर में प्रशासन की सख्ती के चलते उनको वहां से हटना पड़ा। शुक्रवार को नये सिरे से शिक्षामित्र एक बार फिर लखनऊ में प्रदर्शन करेंगे।

यह भी पढ़ें- पढ़िए, मुख्यमंत्री योगी के किस भरोसे पर धरना और गिरफ्तारी टालने को राजी हुए शिक्षामित्र

बुधवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन कर चुके शिक्षामित्रों को उनकी प्रदेश कार्यकारिणी ने गुरुवार की सुबह यह कहकर बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय पर प्रदर्शन करने के लिए भेजा कि प्रशासन से हम लोगों को निदेशक कार्यालय पर ही प्रदर्शन करने की इजाजत मिली है। सुबह लगभग दस बजे सात-आठ सो की संख्या में शिक्षामित्र प्रदर्शन करने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे थे और प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच दोपहर में लगभग दो बजे प्रशासन ने उनको ऐसा करने से रोक दिया। इसके बाद अपनी मांगों का ज्ञापन संघ के मंत्री सुनील भदोरिया ने प्रशासन को सोंपा।

उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने बताया, “किसी ने एक व्हाट्सअप के जरिये यह अफवाह फैला दी थी कि शिक्षामित्र आज बेसिक शिक्षा निदेशालय पर समाधि लेने वाले हैँ। इस पर प्रशासन अलर्ट हो गया और दोपहर में निदेशालय पहुंचकर हम लोगों का प्रदर्शन समाप्त करवा दिया। यदि आज अफवाह नहीं उड़ायी जाती तो हम लोग वहीं पर बैठे रहते। आज शाम तक हम लोगों को हमारे संगठन के प्रमुख यह बतायेंगे कि हम लोगों को कल प्रदर्शन कहां करना है। इसके बाद ही हम लोग अपना प्रदर्शन कल करेंगे।”

यह भी पढ़ें-बीजेपी सांसद कौशल किशोर के आवास पर धरने पर बैठे शिक्षामित

आज जो ज्ञापन प्रशासन के माध्यम से बेसिक शिक्षा निदेशक को सोंपा गया उसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री से की गयी वार्ता के प्रयास के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों के लिए उचित निर्णय लेने की बात कही थी। इस पर शिक्षामित्रों ने अनेक सुझाव दिये थे। बावजूद उसके सरकार द्वारा दस हजार रुपये नियत मानदेय 11 माह देने की बात केबिनेट में की, जो हम शिक्षामित्रों को स्वीकार नहीं है। हम शिक्षामित्रों को समान कार्य का समान वेतन दिया जाये। साथ ही आरटी एक्ट के पैरा-4 में संशोधन करते हुए शिक्षामित्रों को फिर से सहायक अध्यापक बनाया जाये।

       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.