दबंगई के दम पर अब नहीं मिलेंगे टेंडर, एक अगस्त से शुरू हो रही ई-टेंडरिंग प्रक्रिया 

Rishi MishraRishi Mishra   31 July 2017 11:48 AM GMT

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दबंगई के दम पर अब नहीं मिलेंगे टेंडर, एक अगस्त से शुरू हो रही ई-टेंडरिंग प्रक्रिया एक अगस्त से प्रदेशभर में खत्म हो जाएगी मैनुअल टेंडरिंग प्रक्रिया

लखनऊ। प्रदेश में दबंगई के दम पर ठेके हासिेल करने वालों के लिए एक बड़ा झटका लगा है। प्रदेश सरकार ने पहले की तरह मैनुअल टेंडरिंग की व्यवस्था खत्म कर दी है। मैनुअल टेंडरिंग की तरह एक अगस्त से यानी कल से ई-टेंडरिंग की व्यवस्था शुरू कर रहा है। इस प्रक्रिया के तहत अब सारे ठेके अॉनलाइन प्रोसेस से ही मिलेंगे।

प्रदेश भर के विभागों में एक अगस्त से मैनुअल टेंडरिंग खत्म हो जाएगी, जिसकी जगह ई-टेंडरिंग ले लेगी। इससे टेंडरों में होने वाला भ्रष्टाचार बहुत हद तक बंद हो जाएगा। अभी तक टेंडर देने के नाम पर जमकर गड़बड़ियां होती रही हैं। बाहुबली ठेकेदार कमजोर लोगों को ठेके नहीं डालने देते थे। अब ऐसा नहीं होगा। जिसको लेकर अब अधिकारियों का प्रशिक्षण, ठेकेदारों के ई-सिग्नेचर लेने की कार्यवाही तेजी से की जा रही है।

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मण्डलायुक्त अनिल गर्ग बताते हैं, “प्रदेश सरकार ने ई-टेंडरिंग को पूरी तरह से लागू करने के लिए अंतिम तिथि तय कर दी है। एक अगस्त से सभी विभागों में केवल ई-टेंडरिंग के जरिए ही काम हो सकेंगे।”

इसके तहत शासकीय विभागों में ई-प्रोक्योरमेण्ट और ई-टेंडरिंग प्रणाली लागू किए जाने के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम मण्डलायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित 62 मण्डलीय कार्यालयों के अधिकारियों को चार पालियों में प्रशिक्षित किया गया। अब उन्होंने सभी मंडलीय अधिकारियों से कहा है कि ई-निविदाओं का ई-प्रोक्योरमेण्ट प्लेटफार्म पर प्रकाशित किए जाने के लिए समिति के अधिकतम 4 और न्यूनतम 3 सदस्य अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर्स की आवश्यकता होगी। इसमें 2 सदस्य अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर से निविदाओं को खोला जाना सम्भव होगा।

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उन्होंने बताया कि सक्षम अधिकारियों को चिन्हित करते हुए उनको भलीभांति प्रशिक्षित करवाया जाएगा। जिन टेंडर यूनिटों में निकट भविष्य में टेंडर होने हैं। ऐसे सभी यूनिटों के नोडल अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर भलीभांति प्रशिक्षण प्राप्त कर लें।

मुश्किल होगा बाहुबल के दम पर टेंडर लेना

सभी तरह के ठेकों का आवंटन ई-टेंडरिंग के जरिए होने के चलते अब डंडे और बाहुबल का उपयोग कम हो जाएगा। अब तक विभिन्न विभागों में ठेकों में टेंडर पुलिंग का खेल चलता रहा है। इसमें एक ही ठेकेदार तीन-तीन फर्म बना कर अलग-अलग रेट कोट कर के टेंडर डालते हैं। जिसमें सबसे कम मूल्य जिस टेंडर पर कोट होता है, उस फर्म को काम दे दिया जाता है। मगर अब ऐसा नहीं होगा। ई-टेंडरिंग से धांधलियां कम होंगी।

उत्तर प्रदेश डिप्युटी सीएम केशव प्रसाद मोर्य ने बताया एक अगस्त से ई टेंडरिंग की व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी। ये वादा भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में किया था। अब सरकारी ठेकों में पारदर्शिता लाएंगे, जिससे बाहुबल और माफियाराज खत्म होगा।

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