नकल रोकने में कामयाब हुए तो संवर जाएगा भविष्य

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नकल रोकने में कामयाब हुए तो संवर जाएगा भविष्यप्रतीकात्मक फ़ोटो

मीनल टिंगल, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े निर्णय लिए हैं। जिसको पूरा करने के निर्देश भी दिए गये हैं। यह निर्णय किसी एक क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चशिक्षा के सम्बन्ध में लिए गए हैं। इन निर्णयों को शिक्षक, अभिभावक, अधिकारी व बच्चे किस तरह से देख रहे हैं इस विषय में सभी ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दीं।

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काल्वेन ताल्लुकेदार्स इंटर कॉलेज के शिक्षक एसके एस राठौर कहते हैं, “जो भी निर्णय शिक्षा के सम्बन्ध में लिए गये हैं वह बेहद महत्वपूर्ण हैं। नकल रोकने में अगर कामयाब हो गये तो बहुतों का भविष्य संवर जाएगा। इसके साथ ही जिन अन्य चीजों को पूरा करने के लिए निर्णय लिए गए हैं इन सभी चीजों की कमी शिक्षा के स्तर को गिरा रही थी। यदि शिक्षा के क्षेत्र में इन निर्णयों को पूरा करवा लिया गया तो शिक्षा के क्षेत्र में अमूलचूल सुधार होगा। उत्तर प्रदेश पिछड़ा नहीं कहलाएगा और यहां के रहने वाले लोगों को भी खुद पर गर्व होगा।”

शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए जो निर्देश दिए गए हैं उनमें सरकारी शिक्षकों के कोचिंग चलाने पर एफआईआर, शिक्षकों व शिक्षाधिकारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक के जरिए, राज्य स्तर पर एक समान पाठ्यक्रम, राज्य सरकार नकल करवाने वाले केन्द्रों पर सख्त कार्रवाई, सभी महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के सत्रों को नियमित किया जाए, दागी केन्द्रों को चिन्हित कर ब्लैकलिस्ट के साथ एफआईआर दर्ज करायी जाए, फीस वसूली की मनमानी रोकने के लिए नियमावली बनायी जाए। जुलाई में एक से 10 तारीख के अन्दर यूनिफार्म, पाठ्य-पुस्तकों व बैग का वितरण हर हाल में हो जाए। पेयजल व शौचालयों की व्यवस्था स्कूलों में बेहतर तरह से की जाए।

रजत डिग्री कॉलेज में बीएससी तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे अर्पित शर्मा (20 वर्ष) कहते हैं, “सारे फैसले हम छात्रों के हित में लिए किये गए हैं लेकिन इन पर अमल की बेहद जरूरत है। यदि यह काम अधिकारियों के हाथों में ही रखे जाएंगे तो इन पर अमल होना मुश्किल है। योगी जी को इस पर खुद नजर रखनी होगी और अधिकारियों से समय-समय पर जवाब मांगना होगा। इन फैसलों में से आधे भी काम कर गये तो हम छात्रों के लिए बहुत बेहतर होगा।”

बच्चों और अभिभावकों के लिए सबसे जरूरी है प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाना, जिससे अभिभावकों का बोझ कुछ कम हो सके और बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के फैसले को यदि रफ्तार मिली और यह कारगर साबित हुआ तो बहुत से बच्चों और अभिभावकों का भला हो जाएगा।
फरीदा सिद्दीकी, अभिभावक

जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित काकोरी ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कठिंगरा के प्रधानाचार्य, शाहिद अली आब्दी कहते हैं, “शिक्षा से जुड़े यह निर्णय जो लिए गए हैं वह अगर वाकई में लागू हो जाएं तो शिक्षा का स्तर बेहद ऊंचाई पर पहुंच सकता है। बच्चों को यदि किताबें, यूनिफार्म और बैग समय से मिल जाये तो इससे अच्छा क्या हो सकता है। बायोमेट्रिक मशीनों से हाजिरी लगने लगे तो मेरे लिए सबसे अच्छा होगा क्योंकि मैं उन लोगों की बुराई की वजह नहीं बनूंगा जिनकी हाजिरी मैं स्कूल में रजिस्टर पर लगाता हूं।”

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