ससुराल में बिक रहा 350 रुपए का रावण
Sundar Chandel 30 Sep 2017 3:49 PM GMT

मेरठ। कभी आपने ससुराल में किसी दामाद को बिकते हुए देखा है, जी हां मेरठ में एक ऐसा ही दामाद रोड के किनारे बिक रहा है। लोग उसे 300 रुपए से लेकर 1100 रुपए तक खरीद रहे हैं। ये दामाद भी कोई ऐसा-वैसा दामाद नहीं है, उसे लोग शहर में ही नहीं बल्कि देश में कई नामों से जानते हैं। आप सही सोच रहे हैं, यहां मेरठ के दामाद रावण की बात हो रही है।
कोतवाली निवासी सईद गढ़ रोड पर रावण के पुतलों की दुकान सजाए बैठे हैं। पिछले साल से ही उसने रावण के पुतलों को बेचने की शुरुआत की है। सईद पेशे से पुतले बनाने का ही व्यापार करते हैं। इसी से उनके घर का खर्च और परिवार पलता है। सईद बताते हैं, “यह उनका दूसरा साल है, पिछले साल अच्छी दुकानदारी हुई तो इस बार और अधिक मात्रा में पुतले बनाए हैं।”
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बदल रहा चलन
सईद बताते हैं कि पहले लोग बड़े-बड़े मैदानों में रावण पुतला दहन देखने के लिए जाते थे। कोई छोटे और बड़े का भेद नहीं था। जनता शहर में अपने आप को काफी सुरक्षित भी महसूस करती थी, लेकिन अब माहौल काफी बदल गया है। लोग अपने घर के पास या पार्क में पुतला खरीदकर दहन कर देते हैं। इसी ट्रेंड की वजह से छोटे-छोटे पुतलों की मार्केट में मांग बढ़ी है।
मेरठ से रावण का रिश्ता
मेरठ का रावण से काफी गहरा रिश्ता है। मेरठ का प्राचीन नाम मयराष्ट्र हुआ करता था। जिस पर राजा मय राज करता था। उनकी पुत्री मंदोदरी से रावण का विवाह हुआ था। तभी से रावण मेरठ के दामाद बन गए थे।
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ऐसे बनाते हैं रावण
सईद बताते हैं, “पुतले बनाने में उन्हे एक माह का समय लगता है। मैने इस सीजन में 70 पुतले बनाए हैं। पुतले को बनाने के लिए लकड़ी और पेपर का इस्तेमाल किया जाता है। उसे रंग करने और सजाने में काफी समय लगता है। लकड़ी पर पेपर का चिपकाने के लिए आटे की लेई का प्रयोग किया जाता है। इस काम में उनका साथ पत्नी, बेटा और घर के अन्य सदस्य देते हैं।
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