अब नहीं भटकेंगे उद्यमी, ऑनलाइन होंगे सारे काम
गाँव कनेक्शन 27 Oct 2017 7:31 PM GMT
लखनऊ। अब उद्यमियों को पंजीकरण और आवेदन पत्रों के लिए भटकने की जरुरत नहीं होगी। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योगों और संस्थानों को सहमति या अनापत्ति समेत प्राधिकार आवेदन पत्रों के पारदर्शी और समय से निस्तारण के लिए शुक्रवार को ऑनलाइन सिस्टम को लांच किया है। यह 'ऑनलाइन कंसेंट मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम' का शुभारंभ मुख्य सचिव राजीव कुमार ने किया।
प्रक्रिया होगी सरल, यह मिलेंगी सुविधाएं
इस ऑनलाइन सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रयोग से विभिन्न अधिनियमों के तहत होने वाले आवेदन-पत्रों के निस्तारण की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। सिर्फ इतना ही नहीं, आवेदन से संबंधित सभी प्रक्रिया ऑनलाइन ही होंगी। इसके अलावा उद्योगों को ऑनलाइन पंजीकरण आवेदन और संलग्नक जमा करने की सुविधा प्राप्त होगी, ऑनलाइन ई-पेमेंट द्वारा शुल्क जमा करने की सुविधा मिलेगी। वहीं, ऑनलाइन ई-अलर्ट (एसएमएस और ई-मेल) के द्वारा आवेदक को जांच पत्र, निरीक्षण की स्थिति और आवेदन-पत्र की सूचना प्राप्त हो जाएगी। ऑनलाइन डिजिटली हस्ताक्षरित प्राधिकार पत्र भी प्राप्त हो सकेगा।
ई-फाइल क्रिएशन किया जाना भी संभव
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इस सॉफ्टवेयर के जरिए से स्वतः ई-फाइल क्रियेशन किया जाना सम्भव होगा। ई-फाईल नोटिंग और प्रपत्र एवं पत्रों को अपलोड किया जा सकेगा। उद्योगों को ऑनलाइन स्पष्टीकरण के लिए पत्र प्रेषित करना एवं निरीक्षण एवं संस्तुति को प्रदर्शित करना सम्भव होगा। बोर्ड द्वारा डिजिटली हस्ताक्षरित प्राधिकार पत्र का निर्गमन किया जा सकेगा। समस्त प्रक्रिया से प्रोसेसिंग टाइम कम हो जायेगा तथा उद्यमियों को बोर्ड कार्यालय में नहीं आना पड़ेगा।
देश का पहला बोर्ड...
कार्यक्रम में एनआईसी, नई दिल्ली के डॉ. सौरभ गुप्ता ने बताया, "कई अन्य राज्यों में इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया जा चुका है, लेकिन उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देश का पहला बोर्ड है, जिसमें ऑनलाइन कन्सेन्ट मैनेजमेन्ट एण्ड मॉनिटरिंग सिस्टम के समय ही एलजी इलेक्ट्रानिक्स, होडा कार इण्डिया लिमिटेड को ऑनलाइन डिजिटली हस्ताक्षरित सहमति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।"
शीघ्रता से हो जाएगा निस्तारण
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, पर्यावरण एवं अध्यक्ष, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रेणुका कुमार ने बताया, "ऑनलाइन कन्सेन्ट मैनेजमेन्ट एण्ड मॉनिटरिंग सिस्टम के लागू हो जाने से उद्यमियों को व्यापार में पारदर्शिता आएगी और पहले में जैसे पत्रावलिया काफी समय तक लम्बित रहती थीं, अब उनका निस्तारण शीघ्रता से हो जाएगा।" उन्होंने यह भी आवश्वासन दिया कि पारदर्शिता की इस स्वच्छ परम्परा को उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदैव कायम रखने का प्रयत्न करेगा।
औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा
इसके पश्चात् मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश राजीव कुमार ने कहा, "ऑनलाइन आवेदन-पत्रों के निस्तारण और विभिन्न स्तरों पर उत्तरदायित्व निर्धारित किए जाने से पारदर्शिता और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी सूचित किया कि क्रय संबंधी सभी निर्णय ई-टेंडर और जेम पोर्टल द्वारा ही लिए जाएंगे।"
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