कभी भी गिर सकते हैं पीलीभीत के इन प्राथमिक विद्यालयों के जर्जर भवन 

कभी भी गिर सकते हैं पीलीभीत के इन प्राथमिक विद्यालयों के जर्जर भवन पीलीभीत में परिषदीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन में पढ़ाई करते बच्चे 

प्रियांशु तोमर, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

पीलीभीत। प्रदेश सरकार बुनियादी शिक्षा पर भले ही हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर, शिक्षकों को भारी वेतन और बच्चों को नई ड्रेस किताबें व मिड डे मील बांट रही है, लेकिन नगर क्षेत्र के बेसिक शिक्षा परिषद के कई स्कूलों को खंडहर भवनों से मुक्त कराने की कोई भी योजना अभी तक सरकार द्वारा नहीं बनाई जा सकी है।

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पीलीभीत के टनकपुर रोड स्थित परिषदीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय में 64 व वहीं बगल में पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 33 बच्चे पंजीकृत हैं। प्राथमिक स्कूल दो शिक्षामित्रों और पूर्व माध्यमिक विद्यालय तीन शिक्षकों के सहारे चल रहा है।

स्कूल के प्रधानाचार्य प्यारेलाल ने बताया, "विद्यालय भवन काफी जर्जर हो चुका है। बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। इसकी जानकारी अधिकारियों को कई बार दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक कुछ कार्रवाई नहीं हुआ है।"

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पीलीभीत नगर क्षेत्र में 32 प्राथमिक विद्यालय और नौ उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में से अधिकतर विद्यालयों के भवन जर्जर अवस्था में हैं। इन्हीं जर्जर भवनों में स्कूल चल रहे हैं। शासन स्तर पर नीतिगत मामला बताकर इन स्कूलों के जर्जर भवनों को ठीक कराने से शिक्षा विभाग के अफसर खुद को लाचार बताते हैं। हालात यह है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब हजारों बच्चों पर खतरा मंडरा रहा है। लेकिन इन गरीब परिवारों के बच्चों की चिंता किसी को नहीं है।

नगर के कई स्कूलों को अटैच किया गया था। भूमि उपलब्ध ना होने से इन्हें पुराने भवनों में संचालित किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट शासन तक भेजी जाती है। फिलहाल इन्हीं भवनों को दुरुस्त कर काम चलाया जा रहा है।
डॉ. इंद्रजीत प्रजापति, बीएसए, पीलीभीत

टनकपुर रोड स्थित परिषदीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय में एक छोटा खेल का मैदान है, लेकिन इस मैदान में भी अक्सर गंदा पानी भरा रहता है। यह दोनों विद्यालय एक-एक कमरे में चल रहे हैं। इन कमरों की हालत काफी जर्जर है। कमरे की दीवारों पर पेड़ों की जड़ें जाल के रूप में फैल रही हैं। इनका प्लास्टर भी टूट कर गिर रहा है।

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