आधी-अधूरी कर्जमाफी नहीं चाहिए : भारतीय किसान यूनियन
गाँव कनेक्शन 25 April 2017 9:29 PM GMT
लखनऊ। किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदेश में किसान आयोग के गठन और 60 साल से अधिक उम्र के सभी किसानों को पांच हजार रुपए मासिक पेंशन देने की मांग को लेकर मंगलवार को किसानों ने बड़ा प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन भानू गुट के आह्वान पर गन्ना संस्थान डालीबाग में किसान पंचायत का आयोजन किया।
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इसमें प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से शामिल किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन भानू गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा करके तीन चौथाई से सीटें जीतकर सत्ता में बीजेपी की सरकार आई। लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने किसानों को रेवड़ी बांटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यानाथ सरकार की पहली कैबिनेट में प्रदेश के सीमांत और लघु किसानों के कर्जमाफी फैसले से किसानों का एक बड़ा वर्ग अपने को ठगा महसूस कर रहा है।
किसान पंचायतों में किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि केन्द्र में यूपीए सरकार के दौरान स्वामीनाथन आयोग और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा आयोग ने किसानों के फसल के लाभकारी मूल्य देने के लिए जो सुझाव दिया था उसे सरकार लागू करे।
आपकों बता दें कि आयोग के उस सुझाव में कहा गया था कि खेती किसानी घाटे का सौदा न हो और किसान इससे अपनी माली हालत सुधार सके, इसके लिए फसलों की सभी लागत में 50 प्रतिशत जोड़कर उसका लाभकारी मूल्य दिया जाए। किसान पंचायत में किसान नेताओं ने कहा कि साल 2015 में बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल क्षति हुई थी। किसानों को मुआवजा देने के लिए तत्कालीन अखिलेश सरकार ने करोड़ों रुपए मुआवजा जिलों में भेजा था, लेकिन अधिकारियों ने चुनावी साल का बहाना बनाकर वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर इसे वापस भेज दिया। अब सरकार इस रकम को जिलों को जारी करके किसानों को मुआवजा दे और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को दंडित भी करे।
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