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गन्ना विभाग की योजनाओं के लिए किसानों नहीं काटने होंगे अधिकारियों और बैंकों के चक्कर

गन्ना विभाग की संचालित योजनाओं में किसानों को आनॅलाइन पंजीकरण के माध्यम से डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) व्यवस्था के तहत मिलेगा अनुदानों का सीधा लाभ

लखनऊ। गन्ना विभाग की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए गन्ना कृषकों को अब न तो अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ेंगे और न ही बैंकों के। योजनाओं का लाभ सीधे गन्ना कृषकों को बैंक खाते में जमा होगा। प्रदेश की पारदर्शी किसान सेवा योजना के तहत सरकार किसानों के अधिक से अधिक पंजीकरण कराने पर जोर दे रही है। डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सीधा लाभ पहुंचा कर, जिस वर्ग के लिए संबंधित योजना शुरू की जा रही है उस वर्ग को उसका पूरा लाभ मिल सके और बजट का दुरूपयोग भी रुक सके।

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प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया, गन्ना विभाग की योजना में कोई भी लाभ प्राप्त करने वाले इच्छुक गन्ना कृषकों का आनलाइन पंजीकरण कृषि विभाग की वेबसाइट पर पारदर्शी किसान सेवा योजना के अन्तर्गत गन्ना विभाग के पोर्टल पर कराना अनिवार्य है। भारत सरकार की डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर की प्रक्रिया के दृष्टिगत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, जिला योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत त्रुटिरहित पंजीकरण हेतु पहचान पत्र के रूप मे आधार कार्ड को ही स्वीकार किया जायेगा। प्रत्येक लाभार्थी का केवल एक बार ही पंजीकरण होगा तथा पंजीकरण की सुविधा पूरे वर्ष भर खुली/उपलब्ध रहेगी तथा पंजीकरण के समय प्राप्त यूनिक आईडी को लाभार्थी को अपने पास सुरक्षित रखना होगा। पंजीकरण के पश्चात गन्ना कृषक के मोबाइल पर पंजीकरण नम्बर एसएमएस द्वारा प्राप्त होगा। किसान अपने क्षेत्र के गन्ना विकास परिषद/समिति पर जा कर अपना पंजीकरण करा सकते हैं तथा कृषि विभाग की बेवसाइट पर स्वयं या ई-सुविधा केन्द्र पर जाकर आन-लाइन पंजीकरण भी करा सकते हैं।

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गन्ना विभाग का किसानों से आग्रह है कि अधिक से अधिक संख्या में पंजीकरण कर ”पहले पंजीकरण कराओ पहले लाभ पाओ” के आधार पर गन्ना विभाग की योजनाओं के माध्यम से बीज एवं कृषि उपकरण मिलने वाले अनुदान को सीधे अपने बैंक खाते में प्राप्त कर सकते हैं । डीबीटी के माध्यम से योजनाओं के क्रियान्वयन में पूर्ण पारदर्शिता होगी और अनुदान की राशि सीधे गन्ना किसानों के बैंक खाते में जमा होगी। गन्ना किसानों को कौन सी सुविधा/लाभ देय है, उसका व्यापक प्रचार प्रसार समाचार पत्रों, विभागीय वेबसाइट, कृषक गोष्ठियों, किसान मेलों, सार्वजनिक स्थलों मे वाल-पेन्टिंग तथा एसएमएस के माध्यम से प्रत्येक किसान तक सचिव, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, जिला गन्ना अधिकारी द्वारा पहुंचाया जायेगा। 

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