इस गाँव के किसानों को कर्ज माफी की जानकारी ही नहीं 

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इस गाँव के किसानों को कर्ज माफी की जानकारी ही नहीं हरौनी स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित ग्राम रमदासपुर व ग्राम शहजनपुर की हालत।

विशाल मिश्रा

लखनऊ। न खेती के लिए पानी की व्यवस्था और न ही गाँव में स्वच्छता मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण, फिर भी किसानों के हित की बात, इस पर नाराज हैं ग्राम रमदासपुर व ग्राम शहजनपुर के किसान। किसानों का कहना है कि सुनने में तो आ रहा है कि सरकार किसानों का कर्ज माफ कर रही है पर यहां पर कोई भी जानकारी देने वाला नहीं है कि आखिर कर्ज माफी का लाभ किसे मिलेगा।

ग्राम रमदासपुर के किसान सुनील कुमार ने बताया कि गांव को मायावती की सरकार में दो नलकूप मिले थे उसमें से एक के तो अब अवशेष तक गायब हो चुके हैं और यहां पर पानी स्तर भी काफी कम है जिससे सिंचाई के लिए काफी समस्या होती है, नहर में भी कभी पानी नहीं आता। सिंचाई के लिए गांव के लोगों को पम्प पर ही निर्भर होना पड़ता है।

हरौनी स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित ग्राम रमदासपुर व ग्राम शहजनपुर, यहां पर जब किसानों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया तो उनका दर्द छलक उठा और उन्होंने बताया कि किस तरह से वे विकास की आस में बैठे हैं। नेता आते हैं चुनाव लड़ते हैं और बाद में वे सब भूल जाते हैं। ग्राम रमदासपुर के किसान सुनील कुमार ने बताया कि गांव को मायावती की सरकार में दो नलकूप मिले थे उसमें से एक के तो अब अवशेष तक गायब हो चुके हैं और यहां पर पानी स्तर भी काफी कम है जिससे सिंचाई के लिए काफी समस्या होती है, नहर में भी कभी पानी नहीं आता। सिंचाई के लिए गांव के लोगों को पम्प पर ही निर्भर होना पड़ता है। गांव के एक मात्र नलकूप से केवल गांव के एक हिस्सा ही लाभ ले पाता है।

हम हमेशा यही प्रयास करते हैं कि गांववालों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए कई बार अधिकारियों को पत्र भी लिखे गए पर कोई सुनता ही नहीं है अब नई सरकार बनी है उम्मीद है कि अब अधिकारी काम करेंगे।
रामकली, ग्राम प्रधान

इसी गांव के ही सरवन ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव में शौचालय के निर्माण की आस जगी थी पर कुछ नहीं हुआ। आज भी गांव के लोग खुले में ही शौच जाने के लिए विवश हैं पर कोई भी सुनने वाला नहीं है। यहां के निवासी राहुल तिवारी ने बताया कि गांव में गन्दगी भी बहुत बड़ी समस्या है क्योंकि सफाईकर्मी यहां पर छह तक महीने नहीं आते और गांववालों को खुद ही साफ-सफाई करनी पड़ती है। राहुल ने बताया कि गांव की समस्याओं के बारे में जानकर उसका निस्तारण कराने के लिए ग्राम सचिव की तैनाती भी होती है यहां लेकिन ग्राम सचिव अजय चौधरी से कई बार समस्याओं के बारे में शिकायत करने पर भी वे यहां पर झांकने तक नहीं आए।

हम चाहते हैं कि इनकी जगह पर दूसरे ग्राम सचिव की तैनाती हो जो हमारी समस्या सुने और उनका निराकरण भी करे। ग्राम शहजनपुर में रहने वाली सियादुलारी ने कहा कि गांव में गेहूं, धान, आलू, लाही, मटर व सब्जी की खेती तो होती है लेकिन पानी की समस्या के कारण खेती में काफी परेशानी होती है।

इसी गाँव के मोतीलाल ने बताया कि सुना था कि गांव में शौचालय बनने वाले है जिससे महिलाओं को खुले में शौच जाने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा लेकिन ऐसा सिर्फ सुनने वाली ही बात निकली, अभी तक तो कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा है और हम लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं।यहां के रहने वाले मुरलीधर कहते हैं कि पिछली सरकार में यहां के विधायक मंत्री भी रहे पर गांव में कोई काम नहीं हुआ सिर्फ वादे ही होते रहे।

गांव की समस्याओं को लेकर जब ग्राम विकास अधिकारी अजय प्रताप सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन सम्पर्क से ही बाहर था।

      

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