यूपी के किसान बोले- ‘कर्जमाफी हो गई अब हमारी आमदनी भी बढ़वाइए सरकार’

Ashwani NigamAshwani Nigam   18 Aug 2017 3:00 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
यूपी के किसान बोले- ‘कर्जमाफी हो गई अब हमारी आमदनी भी बढ़वाइए सरकार’किसानों का एक लाख तक का कर्जा हुआ है माफ। फोटो- विनय गुप्ता

लखनऊ। '' दो साल से कर्ज में डूबने के बाद खेती-किसानी से मन उचट गया था। रात दिन सिर्फ यही चिंता सताती थी बैंक का कर्ज कैसे भरूंगा लेकिन सरकार ने हमारा कर्जमाफी करके बहुत राहत दी है।'' मोहनालगंज के छतौनी गांव के 65 साल के किसान मुनीष चंद्र मिश्रा का 90 हजार का कर्जमाफ हो जाने के बाद उनकी आंखों में एक नई चमक है।

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से प्रदेश के जिन 86 लाख लघु और सीमांत किसानों का एक लाख रूपए कर्ज माफ किया गया है, उसमें 7574 किसानों को कर्जमाफी का प्रमाणपत्र देने के लिए स्मृति उपवन में गुरूवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां पर मुख्यमंत्री ने किसानों को कर्जमाफी का प्रमाणपत्र दिया। इस अवसर पर आए किसानों ने खेती किसानी को लेकर अपना दर्द साझा किया।

ये भी पढ़िए- किसान का दर्द : “आमदनी छोड़िए, लागत निकालना मुश्किल”

मुख्यमंत्री से किसान कर्जमाफी का सर्टिफिकेट लेतीं महिला किसान आशा देवी

यह भी पढ़ें : धान के समर्थन मूल्य पर 15 रुपए बोनस देगी योगी सरकार

महिलाबाद ब्लाक के अमदाबाद गांव की महिला किसान आशा देवी ने वर्ष 2015 में बैंक आफ बड़ोदा से 60 हजार का फसली ऋण लिया था लेकिन खेती में हो रहे घाटे के कारण वह अपना कर्ज नहीं चुका पा रही थीं। मुख्यमंत्री से कर्जमाफी का प्रमाणपत्र मिलने के बाद आशा देवी ने बताया '' बैंक का कर्ज तेजी से बढ़ रहा था समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे कर्ज भूरू। ऐसे में हमारा कर्जमाफी करके सरकार ने बड़ी राहत दी है लेकिन सरकार को चाहिए कि हमारे लिए ऐसा करें कि हमें कर्ज ही न लेना पड़े। ''

उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य है जहां पर 70 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से जुड़ी है, लेकिन प्रदेश के किसानों की औसत मासिक आय राष्ट्रीय औसत से भी बहुत कम है। देश के किसानों का जहां औसत मासिक आय 6426 है वहीं उत्तर प्रदेश के किसानों की औसम मासिक आय मात्र 4923 है। ऐसे में यह बताता है कि प्रदेश के किसान किस तरह से आर्थिक रूप से बदहाल हैं।

यह भी पढ़ें : कर्जमाफी योजना : यहां पढ़िए, मुख्यमंत्री योगी के भाषण की 10 बड़ी बातें

कर्ज में डूबने से किसानों की जिंदगी कैसे एक-एक पल घुटती रहती है, यह बख्शी का तालाब ब्लाक के मेहौरा गांव के किसान श्यामलाल से पूछिए। सरकार की तरफ से कर्जमाफी का प्रमाणपत्र मिलने के बाद उन्होंने बताया '' दो साल पहले बैंक आफ इंडिया से 69 हजार रुपए का फसली ऋण लिया था। सोचा था कि एक साल में चुका दूंगा लेकिन खेती से इतनी आमदनी नहीं हो पाई कि कर्ज चुका सकूं, ऐसे में डर लगा रहता था कि अगर कर्ज नहीं चुका पाउंगा तो जमीन गिरवी में चली जाएगी। इसी चिंता में बीमार रहने लगा। कुछ समझ में नहीं आ रहा था, लेकिन सरकार ने कर्जमाफी करके हमारी चिंता को कम कर दिया। ''

श्यामलाल ने कहा कि खेती से अब किसी तरह घर का गुजारा होता है बच्चे अब खेती करना नहीं चाहते क्योंकि मेहनत के बाद भी पैसा नहीं मिलता। सरकार को चाहिए कि वह कुछ ऐसा करे कि हम किसानों की आमदनी बढ़े।

यह भी पढ़ें : किसानों को आर्थिक रूप से इतना मजबूत कर दे कि कर्ज लेने की जरूरत न पड़ें : योगी आदित्यनाथ

कर्जमाफ होने से खुश किसान ने कहा- अब कर पाऊंगा बेटी की शादी

          

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.