शामली में अपने पैसे के लिए आठ दिन से धरने पर बैठे हैं गन्ना किसान, चीनी मिल के एमडी और अध्यासी पर एफआईआर

#armers protest

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेते ही कहा था कि प्रदेश के गन्ना किसानों का भुगतान हर हाल में 14 दिनों में किया जाएगा, लेकिन वादा ज्यादा असरदार होता नहीं दिख रहा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिला शामली में पिछले एक हफ्ते से सैकड़ों की संख्या में किसान कलेक्ट्रेट परिसर में पिछले साल का बकाया मांग रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो चिनी मिलों ने अभी भी किसानों के 6,830 करोड़ रुपए रोक रखे हैं।

शामली के जिला कलेक्ट्रेट में आठवें दिन प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियन के अध्यक्ष सवित मलिक कहते हैं ” प्रदेश सरकार ने वादा किया था गन्ना किसानों का भुगतान उनकी पहली प्राथमिकता है और मिलें 14 दिनों के अंदर भुगतान कर देंगी। कई बार मुख्यमंत्री भी इस पर बयान दे चुके हैं लेकिन भुगतान करने में नाकाम रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से यहां किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई नेता हमसे मिलने तक नहीं आया, हमारा प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक पूरा भुगतान नहीं हो जाता।”

भुगतान न हाेने से नाराज किसानों ने सिंर मुंडाया

मंगलवार को सातवें दिन दिनभर बारिश होती रही लेकिन किसानों ने अपना आंदोलन जारी रखा। किसानों ने बताया कि शामली के गन्ना मिल से पिछले साल का 80 करोड़ रुपए जबकि इस साल का 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है। भुगतान न होने के विरोध किसान मुंडन भी करा चुके हैं, यहां तक की धर्म परिवर्तन की भी बात कह चुके हैं, लेकिन मामला जस का तस बना हुआ है।

प्रदर्शन में शामिल गन्ना किसान

यह भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश: पुराने दामों पर ही सरकार ने तय किया गन्ने का मूल्य, नहीं बढ़ाया गया एमएसपी

शामली चीनी मिल और किसानों के बीच वार्ता विफल होने के बाद मंगलवार को प्रदेश के गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा ने जिला अधिकारी को फोन करके अध्यासी और एमडी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिये। इस पर गन्ना समिति के सचिव मुकेश राठी की तहरीर पर कोतवाली में मिल प्रबंधन के खिलाफ देर रात एफआईआर दर्ज कर ली गयी। इस पर जिला अधिकारी ने एक बयान जारी करके बताया कि गन्ना विभाग ने मिल के खिलाफ आरसी भी जारी कर दी है।


इसके बाद पत्रकारों को दिये अपने बयान में सुरेश राणा ने कहा कि सरकार किसानों के साथ है। मिलों को हर सूरत में बकाये का भुगतान करना पड़ेगा। कोताही बरतने पर मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। बकाये का भुगतान करना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पिछले दिनों एक कार्यक्रम में चीनी मिल मालिकों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर समय पर भुगतान नहीं किया तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। हालांकि इसका बहुत ज्यादा असर पड़ता नहीं दिख रहा है। शामली से सटे जिला मुजफ्फरनगर के तितावी शुगर मिल ने भी किसानों का 150 करोड़ रुपए रोक रखा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही भुगतान नहीं तो वे भी कलेक्ट्रेट में धरना देंगे।

किसान गन्ना नहीं बेच पा रहे

मुजफ्फरनगर, रोहाना के गन्ना किसान अरविंद शर्मा कहते हैं ” पिछला और इस साल का मिलाकर एक लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान बाकी है। सरकार चाहती तो भुगतान जरूर होता, मिलों की इतनी हिम्मत कहां कि वे पैसा रोक लें। हम तो खुश थे कि नई सरकार ने वादा किया है, पैसा जल्दी मिलेगा, लेकिन इनका हाल भी पिछली सरकारों जैसा ही है।

यह भी पढ़ें-यूपी में अब नहीं होगी घटतौली, गन्ना पर्यवेक्षकों की हुई नियुक्ति

पिछले साल नवंबर में सरकार ने ही बताया था कि 2017-18 के लिए गन्ना मूल्य 35,463 करोड़ रुपए के सापेक्ष 28,633 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। बाकी 6,830 करोड़ रुपए का भुगतान भी जल्द होगा।

मुजफ्फरनगर भारतीय किसान यूनियन के नेता धर्मेंद्र मलिक कहते हैं ” सरकार चाहेगी तो भला भुगतान कैसे नहीं होगा, लेकिन सरकार की मंशा सफझ के परे हैं। सरकार बनने के बाद जो वादा योगी सरकार ने जो वादा किया था उससे किसानों में उम्मीद जगी थी, लेकिन ये सरकार भी पिछली सरकारों की तरह काम कर रही है। सरकार मिलों को पैसे भी दे रही है, लेकिन अगर वो पैसा किसानों को मिल ही नहीं रहा तो वो जा कहां रहा, इसकी भी जांच भी होनी चाहिए।”

प्रदेश सरकार की मानें तो प्रदेश के 44 चीनी मिलों को अब तक 2,619 करोड़ रुपए का सस्ता कर्ज दिया जा चुका है।


यह भी पढ़ें-चीनी पर सब्सिडी के कारण ऑस्ट्रेलिया के 4000 गन्ना किसानों को घाटा, डब्ल्यूटीओ में भारत की शिकायत

शामली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ अब राजनीतिक दल भी जुड़ रहे हैं। गुरुवार को राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी धरना में शामिल होंगे। जबकि किसान नेता वीएम सिंह भी किसानों से मिलने। प्रदर्शन कर रहे शामली, कूड़ाना के किसान अश्वनी मलिक कहते हैं ” मेरा इस साल का 70 हजार रुपए बकाया है, कब मिलेगा इस पर कोई राय नहीं बन पा रही है। सरकार के लोग कह रहे हैं कि मिल मालिक दोषी हैं, मिल वाले कह रहे हैं कि सरकार ने पैसा ही नहीं दिया तो हम कैसे दें। हमें हमारा पैसा मिल जाये, और कुछ नहीं चाहिए।”

Recent Posts



More Posts

popular Posts