बंदरों को भांग खिलाकर किसान बचा रहे फसल

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बंदरों को भांग खिलाकर किसान बचा रहे फसलबंदरों के आंतक से किसान परेशान।

आलोक कुमार मिश्रा, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

बेहटा (सीतापुर)। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बंदरों के आंतक से किसानों ने खेती छोड़ दी है। ऐसे में सीतापुर के एक किसान ने बंदरों से निपटने के लिए उन्हें भांग खिलाकर भगाने का तरीका ढूंढ निकाला है।

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सीतापुर जिला मुख्यालय से 55 किमी. दूर बेहटा विकास खण्ं के भवानीपुर गाँव के किसान रामगोपाल शर्मा ने बंदरों से फसल को बचाने का सुरक्षित तरीका ईजाद किया है। रामगोपाल शर्मा बताते हैं, "हमारे क्षेत्र में केले की व गन्ने की खेती बहुतायत में की जाती है, लेकिन कई वर्षों से बंदर हमारी फसलों को नुकसान पहुंचाते थे, जिस वजह से हम क्षेत्रवासी बहुत ही परेशान रहते थे।"

वो आगे कहते हैं, "गाँव में अक्सर भांग के पेड़ होते हैं, उनकी पत्तियों को तोड़कर पीसकर बेसन युक्त पकौड़ी या जलेबी या कोई मिठाई इत्यादि बनवा लेता हूं और खेत के आसपास लटका देता हूं और बंदरों के आने तक खेत देखता रहता हूं, बंदरों का झुण्ड खेत के आसपास आकर इस भांग युक्त खाद्यपदार्थ खाता है।

जब बंदर इस भांगयुक्त खाद्यपदार्थ खा रहे होते हैं तब वहां दो से तीन फिट के लगभग 10 टुकड़े गन्ने के काटकर बंदरों की टोली के पास डाल देता हूं। बंदरों की टोली यह भांगयुक्त खाद्य पदार्थ खाकर नशे में हो जाएगी और एक-दूसरे पर प्रहार करना शुरू कर देगी।

फलस्वरूप उन्हें यह लगता है कि इस खेत में कुछ तो गड़बड़ है, जिस वजह से वह उस खेत के पास आने से डरने लगते हैं और हमेशा इस खेत से दूर रहने लगते हैं।भवानीपुर के पास के गाँव कलनापुर के किसान मुन्ना आजाद ने बताया, "इस विधि के प्रयोग से अब बंदर हमारे खेतों के आसपास आने से डरते हैं।"

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