लखनऊ। “दो वर्षों से ग्राम रोज़गार सेवको को मानदेय नहीं मिला है जिसके चलते आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो चुकी है न बच्चो की फीस जमा कर पा रहे है न 0ही कोई और काम कर पा रहे अधिकारियों के बराबर चक्कर लगाते लगाते थक गए ग्राम रोजगार सेवकों का प्रतिनिधि मंडल ग्राम्य विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह जी से भी मिला था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।” ये कहना है उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बीकेटी विकास खंड के ग्राम पंचायत सोनवा के ग्राम रोजगार सेवक अनुज दीक्षित का।
मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह के संज्ञान में आने के बाद आयुक्त ग्राम्य विकास ने 15 जनवरी 2018 को एक शासनादेश जारी कर प्रदेश के सभी जिम्मेदार अधिकारियों से ग्राम रोजगार सेवकों को मानदेय न मिलने का कारण और अवशेष बकाया मानदेय की जानकारी दो दिन के भीतर उपलब्ध कराने को कहा था लेकिन अभी तक कुछ नही हुआ अब हमारे पास कोई विकल्प शेष नही था, जिसके चलते बीकेटी विकास खण्ड के सभी रोजगार सेवकों ने सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा खंड विकास अधिकारी को दे दिया।
आज ग्राम रोजगार सेवकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफे के निवेदन मुझे भुगतान में विलंब होने के कारण दिया है इस्तीफा सामूहिक स्वीकार नही किया जा सकता फिलहाल मैंने ज्ञापन ने लिया है और मैं इसे उच्च अधिकारियों के पास प्रेषित करूंगा।
राजीव गुप्ता, खंड विकास अधिकारी, बीकेटी लखनऊ
ये भी पढ़ें- मशरुम गर्ल ने उत्तराखंड में ऐसे खड़ी की करोड़ों रुपए की कंपनी, हजारों महिलाओं को दिया रोजगार
बीकेटी ब्लॉक के ग्राम रोजगार सेवक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष आसित कुमार शुक्ला ने बताया कि मजदूरों का भुगतान बीबी समय से नही हो पा रहा कुछ गॉवो में ऐसे मज़दूर भी है जिनकी मजदूरी उनके खाते में नही पहुच पा रही है दो साल से हम लोगो को भी मानदेय नही मिला है कब तक घर से पैसा फूंककर काम करे धीरे धीरे आर्थिक स्थिति और मानसिक स्थिति दोनो बिगड़ रही है घर वाले भी कहने लगे है कि ऐसे नौकरी से क्या फायदा जिसमें दो दो साल मानदेय ही न मिले। ब्लॉक के सभी साथी परेशान है हमारे ब्लॉक में 51 ग्राम रोज़गार सेवक है मजबूरी में हम सबने मिलकर सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है।