इन महिलाओं को देखते ही भाग जाते है शराबी और जुआ खेलने वाले लोग  

Neetu SinghNeetu Singh   30 July 2017 10:26 PM GMT

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इन महिलाओं को देखते ही भाग जाते है शराबी  और जुआ खेलने वाले लोग  ग्रीन ग्रुप की ग्रामीण महिलाएं

लखनऊ। ग्रीन ग्रुप की ग्रामीण महिलाएं समूह में गाँव-गाँव जाकर नशा करने वालों के खिलाफ एक मुहिम चला रही हैं, इन महिलाओं को देखते ही जुआ खेल रहे या शराब पी रहे पुरुष अब डरने लगे हैं।

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अधिकारीयों के पास समस्या ले जाने से लेकर ग्राम प्रधान के साथ मिलकर चौपाल लगाना, दहेज प्रथा, बाल विवाह, वृक्षारोपण, स्वच्छता जैसे मुद्दों को लेकर भी ये गम्भीरता से काम कर रही हैं ।बनारस जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर आराजीलाइन ब्लॉक के देउरा गाँव में रहने वाली ग्रीन गैंग की लीडर इन्द्रावती देवी (50) का कहना है, “हरी साड़ी पहन कर जिस भी गली से निकल जाते हैं जुआ खेल रहे आदमी उठकर चल देते हैं, शराब पी रहे लोगों को हाथ जोड़कर समझाते हैं कि पीना छोड़ दो, अब ये आदमी हमारे सामने न तो जुआ खेलते हैं और न ही शराब पीते हैं।” वो आगे बताती हैं, “घर का सारा कामकाज निपटाकर दोपहर में अपने गाँव में और आसपास के दूसरे गाँव में 25 महिलाओं का एक समूह जाता है जो लोगों को नशा करने से रोकता है।”

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छात्र-छात्राओं की मदद से होप वेलफेयर संस्था के तत्वाधान में भद्रासी, रामसीपुर, जगरदेवपुर गांव में ग्रीन ग्रुप का गठन किया गया है। 25 महिलाओं द्वारा बनाया गया ग्रीन ग्रुप तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद अब ये महिलाएं अपने अधिकार कर्तव्य के प्रति जागरूक हो चुकी हैं। संस्था के नेतृत्व कर्ता रवि मिश्रा बताते हैं, “ग्रामीण क्षेत्र की महिलाये आगे आये और अपनी लड़ाई खुद लड़े ये हमारा प्रयास है, ये ग्रीन गैंग की महिलाएं पहले निरक्षर थी जब इन्हें ट्रेनिंग दी गयी तो अब ये जागरूक हुई हैं, पुरुषों के नशे की वजह से घरेलू हिंसा का शिकार इन्हें होना पड़ता था इसलिए नशा बंद करने के लिए ये महिलाएं खुद आगे आयें ये हमारी कोशिश है।”

राजा तालाब एसडीएम ईशा दुहन ने हरी झंडी दिखाकर इन्हें अपने क्षेत्र के लिए रवाना किया और कहा, “इस ग्रीन ग्रुप की मांग सिर्फ बनारस में ही नहीं बल्कि हर जगह हैं। घरेलू हिंसा से महिलाएं पीड़ित न हो इसलिए इन्हें खुद आगे आना होगा, पिछले विधान सभा चुनाव में भी इन महिलाओं की मदद से मतदान में 10 प्रतिशत इजाफा हुआ था।” उन्होंने आश्वासन दिया कि इन महिलाओं को प्रशासन स्तर पर हर सम्भव मदद करने के लिए हम तैयार हैं।

युवाओं के इस टीम के सहयोगी दिव्यांशु उपाध्याय ने कहा, “ये महिलाएं जूडो-कराटे का प्रशिक्षण भी ले चुकी हैं जिससे ये अपनी आत्मसुरक्षा खुद कर सकें। होप संस्था ने इससे पहले देवरा तथा खूशियारी गांव में भी ग्रीन ग्रुप का गठन किया था। जिनके कार्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया और इन पर डॉक्यूमेंट्री भी तैयार हुई।” उन्होंने आगे कहा, “ये महिलाएं अब अपनी बात अधिकारीयों के सामने रखने लगी हैं, ग्राम प्रधान के सामने भी अपनी बात रख पाती हैं।”

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सदर सीओ स्नेह तिवारी ने युवाओं की इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “ये महिलाएं हमारी मित्र साथी हैं, हर गाँव में इस तरह की टीम हो जिससे ग्रामीण स्तर पर समस्याओं का हल निकाला जा सके, महिलाएं आवाज़ इसलिए नहीं उठाती क्योंकि उन्हें अपनी शक्ति पता नहीं होती है, अगर इन्हें इनकी शक्ति कोई याद दिला दे तो ये फिर आगे आ जाती हैं।”

देउरा ग्राम प्रधान सम्भूनाथ ने कहा, “पुरुष नशे की गिरफ्त में है, देखा देखी बच्चे भी नशा कर रहे हैं। बच्चे नशे से दूर रहे इस दिशा में महिलाओं का ये प्रयास सराहनीय है। हमारा गाँव स्वच्छ रहे, नशे से मुक्त रहे इस दिशा ये समूह हमारी मदद कर रहा है।” उन्होंने कहा हम हर सम्भव इनकी मदद करने को तैयार हैं। वहीं समूह की महिला प्रेमकुमारी (35) ने कहा, “अब हम अपनी समस्याओं की शिकायत मुख्यालय तक लेकर पहुंच जाते हैं, अब तो अफसर भी हमे जानने लगे हैं, हरी साड़ी पहनकर जहाँ से भी निकलते हैं जुआ खेल रहे पुरुष देखकर भाग जाते हैं, हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं जिससे हमारे बच्चों पर गलत असर न पड़े।”

ग्रीन ग्रुप महिला सशक्तिकरण का दूसरा नाम है, आज उद्घाटन के अवसर पर सात ग्राम प्रधान मौजूद रहे। जिसमे देवरा, घमहापुर ,रामसीपुर भद्रासी, परजनपुर, खुशियारी, जगरदेवपुर,प्रमुख है। सम्मान स्वरूप इन महिलाओं को एक एक वृक्ष देकर उनको उनके गांव में भेजा गया। देउरा के ग्राम प्रधान संभुनाथ ने अभी को धन्यवाद दिया। होप वेलफेयर संस्था के युवा धर्मेन्द्र यादव, विकास दीक्षित, सौरभ राठौर, श्यामकांत, आकाश देवार्थी, संदीप, अवनीश, मंजू, पूजा, आशा, अंकिता, आकांक्षा आदि उपस्थित रहे।

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