फ्रांस दंपत्ति भी हुए भारत की बेटी के मुरीद, बच्ची को लिया गोद 

Ajay MishraAjay Mishra   6 Dec 2017 5:14 PM GMT

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फ्रांस दंपत्ति भी हुए भारत की बेटी के मुरीद, बच्ची को लिया गोद रामपुर जिले में बच्ची को गोद लेने के दौरान फ्रांसीसी दंपति और अधिकारीगण।

रामपुर/कन्नौज। अपने देश में जहां बेटियों से भेदभाव किया जाता है तो दूसरी ओर विदेशी भारतीय बेटियों के कायल हैं। फ्रांस के दंपत्ति ने यहां आकर छह वर्षीय अनाथ बच्ची को गोद लिया है। भारत के लिए यह एक नजीर भी है।

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में दत्तक ग्रहण इकाई चल रही है। यहां से ही बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी हुई। कन्नौज में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे (अब रामपुर में) शैलेंद्र कुमार गौतम ने ‘गांव कनेक्शन’ संवाददाता को मोबाइल पर बताया कि ‘‘फ्रांस के दंपत्ति अर्नाड डेविड फिलिप्पे चैम्बे और वेलेरी मर्केलाईन ड्युबोइस चैम्बे ने छह साल की गुनगुन को गोद लिया है। इससे पहले उन्होंने फ्रांस में ही एक और बच्ची को गोद लिया था।’’ जिला समाज कल्याण अधिकारी बताते हैं कि ‘‘ कारा की एक वेबसाइट है। उस पर फ्रांस के दंपत्ति ने आवेदन किया था। उसके बाद बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी हुई।’’

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दंपत्ति से बातचीत करते अनुवादक राकेश कपूर।

जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय यादव बताते हैं, ‘‘गुनगुन 2012 में मेरठ में लावारिस मिली थी। पांच साल से यहां है। दत्तक ग्रहण इकाई में 41 बच्चे हैं। जिला जज के यहां से आर्डर हो गया है। लीगल सर्टिफिकेट मिलने के बाद बच्ची को फ्रांस के दंपत्ति को दे दिया गया है। सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं।’’

उन्होंने आगे बताया कि फ्रांस के दंपत्ति कल आए थे। कुछ कागजी प्रक्रिया की वजह से बुधवार को बच्ची दी जा सकी। साथ जाने को लेकर बच्ची खुश है।

दंपत्ति के साथ आए अनुवादक राकेश कपूर ने प्रश्नों का अनुवाद करते हुए बताया कि,‘‘दंपत्ति को बेटियों से प्यार है। इसलिए पहले भी बेटी ही गोद ली थी। वेलेरी मर्केलाईन ड्युबोइस चैम्बे (गोद लेने वाली महिला) का सपना था कि भारत की ही बेटी को गोद लेना है। पांच साल की उम्र से एक डाक्यूमेंट्री भी देखी थी, जिससे वह प्रभावित हुईं कि इंडिया की बच्ची को गोद लेंगे।’’ अनुवादक ने आगे बताया कि 2004 में फ्रांसीसी दंपत्ति की शादी हुई थी। इनके कोई भी बच्चा नहीं है। यह इनका डिसिशन था। अब गोद लेने के बाद दो बेटियां हो गई हैं। पहले तो गुनगुन की पढ़ाई कराएंगे यह सबसे जरूरी है। इसके बाद क्या होगा इस पर विचार होगा। अर्नाड डेविड फिलिप्पे चैम्बे पब्लिसिटी क्षेत्र में काम करते हैं। फ्रांस में एक इंटरनेशनल पब्लिसिटी हाउस है।

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गोद ली दोनों बच्चियों के साथ दंपत्ति और डीएसडब्ल्यूओ शैलेंद्र कुमार गौतम सेल्फी लेते हुए।

कुछ यूं चलती है प्रक्रिया

जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी कारा मैचिंग कराती है। इसके बाद गोद लेने वाले फोटो को लाइक करते हैं। इसके बाद उस बच्चे को कोई दूसरा गोद न ले इसलिए ब्लाॅक कर दिया जाता है। पूरी रिपोर्ट आ जाती है। उसके बाद औपचारिकताएं पूरी होने के बाद फाइल कोर्ट में जाती है। वहां से लीगल का सर्टिफिकेट मिलता है।

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