शादी अनुदान में फर्जीवाड़ा : दलालों ने शादी अनुदान के दो-दो बार कराये आवेदन

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शादी अनुदान में फर्जीवाड़ा : दलालों ने शादी अनुदान के दो-दो बार कराये आवेदनग्रामीणों ने तीन बच्चियों के दो-दो बार शादी अनुदान का आवेदन कर लिया लाभ।

सुखवेन्द्र सिंह परिहार/ स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

ललितपुर। प्रदेश सरकार द्वारा गरीब लड़कियों की शादी के लिए समाज कल्याण विभाग के माध्यम से मिलने वाले शादी अनुदान में धांधली का मामला सामने आया है। यह कारनामा ग्राम विकास अधिकारी, एडीओ समाज कल्याण व बीडीओ की मिलीभगत से हुआ। ग्रामीणों ने तीन बच्चियों के दो-दो बार शादी अनुदान का आवेदन कर लाभ ले लिए।

शादी अनुदान की धनराशि के लिए उदया गाँव के रतीराम पुत्र पंखी, दशरथ पुत्र उदई व लक्ष्मन पुत्र बचई ग्रामीणों ने अपनी पुत्रीयों की शादी अनुदान का 2013 के आवेदन पर ब्लाँक के कर्मचारी और अधिकारी ने पात्रता की रिपोर्ट सहित संस्तुति दी थी। जिले पर शासन से धनराशि प्राप्त न होने की वजह से लाभार्थियों का भुगतान नहीं हुआ। इन्हीं ग्रामीणों ने तथ्यों को छिपाकर पुन: उन्हीं पुत्रियों का शादी अनुदान के लिए 2016-17 में आवेदन किया। आवेदनों पर ग्राम विकास अधिकारी व प्रभारी सहायक विकास अधिकारी की रिपोर्ट सहित खण्ड विकास अधिकारी की संस्तुति के आधार पर दोबारा लाभार्थी को शादी अनुदान की सहायता प्रदान की गयी।

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पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग पिछड़ी जातियों को शादी अनुदान के रूप में बीस हजार रुपए आर्थिक सहायता देता है। इसके लिए शादी के पहले आवेदन करना पड़ता है। गलत ढंग से लाभ लेने के लिए लोग दो बार तक आवेदन कर देते हैं। योजना के अन्‍तर्गत पात्रता के कुछ नियमों को पूरा करते हुऐ, आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। एक परिवार की अधिकतम दो पुत्रियों के विवाह में इसका लाभ दिया जाएगा।

उदया गाँव के उदई तनय बरजोरे (60वर्ष) बताते हैं, ''जशरथ हमारा बच्चा है। बच्चे की लड़की वन्दना की शादी 2013 में की थी। बानपुर के राजाराम दलाल दलाली का काम करता हैं। उसने पाँच हजार रुपए लिये थे। फिर वह बोला कि बजट नहीं हैं। फिर राजाराम बोला कि 2016 का शादी का कार्ड छपवा कर दे दो। हम लोगों ने दे दिया और 20-20 हजार निकल आये।”

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इसी गाँव के रतीराम (55 वर्ष) बताते हैं, ''राजाराम दलाल ने 2013 में पाँच हजार रुपया लेकर फाइल जमा कर ली। अनुदान नहीं मिला। दलाल ने वर्ष 2016 में दूसरा शादी का कार्ड छपवाकर बीस हजार निकलवा दिए।”

ललितपुर जिले के ब्लाँक बार अंर्तगत उदया गाँव में शादी अनुदान बंदरबाट के तीन मामलों की ये बानगी हैं। अधिकांश मामलों में अधिकारी आवेदक को सूचना देने में कतराते हैं, समय पर सूचना नहीं देते। जिस वजह से आवेदकों को प्रथम, द्वितीय अपील में जाना पड़ता है, जिससे दो या तीन साल का समय बर्बाद हो जाता है।

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जिला समाज कल्याण अधिकारी रिंकू सिंह राही बताते हैं, ''मामला संज्ञान में आया है, जिसकी जांच करायी जा रही है। संबंधित कर्मचारी व अधिकारी जांच में दोषी पाये जाते हैं तो उन पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी।” रिंकू सिंह राही ने ललितपुर आरटीआई की सूचना उपलब्ध कराते हुए लिखित जवाब में कहा, ''मांगी गयी सूचना के परीक्षण करने पर गम्भीर अनियमितताएं पायी गयी, जिसकी जांच जिलाधिकारी के आदेश से करायी जा रही हैं। जांच में दोषी पाये जाने वाले कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।''

विवाह हेतू अनुदान योजना के लाभ

  • सरकार गरीबी रेखा के नीचे परिवार के लिए 20,000 की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • आवेदक उत्तर प्रदेश राज्य का निवासी होना चाहिए।
  • आवेदक के परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण इलाकों में प्रति वर्ष 46,080 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये प्रति वर्ष से नीचे होनी चाहिए।
  • सभी श्रेणी के व्यक्ति जैसे एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और साथ ही सामान्य जो गरीबी रेखा से नीचे हैं (बीपीएल) इस योजना के लिए पात्र हैं।

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