यूपी : लखनऊ सड़क हादसे में एक ही परिवार के 4 लोगों की दर्दनाक मौत, 3 घायल

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यूपी : लखनऊ  सड़क हादसे में एक ही परिवार के 4 लोगों की दर्दनाक मौत, 3 घायलरोड एक्सीडेंट में छतीग्रस्त वाहन 

लखनऊ। राजधानी के अलीगंज में शनिवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई। जब कि कार सवार तीन लोग बुरी तरह से घायल हैं।

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मड़ियांव के केशवनगर के रहने वाले पंकज का परिवार शनिवार देर रात को बर्थ-डे मनाने सीतापुर रोड के फौजी ढाबे पर गया था। वहां से लौटते यह सड़क हादसा हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, अलीगंज के पुरनिया फ्लाई ओवर पर रात ढ़ाई बजे के करीब उनकी कार का एक्स‍िडेंट हुआ। कार फ्लाई ओवर पर ही डिवाइडर से टकरा गई और तीन-चार बार पुल पर ही पलट गई। एक्स‍िडेंट की आवाज सुन कर आस-पास रहने वाले लोग मौके पर पहुंचे। एक प्रत्यक्षदर्शी टार्जन खन्ना ने बताया, मैं जब मौके पर पहुंचा तो देखा कार सवार 4 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि एक लड़की बुरी तरह से घायल थी। उसने मुझसे कहा- मेरा घर पास में ही है। वहां फोन कर दीजिए। मैंने उससे कहा, पहले तुम हॉस्पिटल चलो मैं फोन करता हूं।'' इसके बाद एंबुलेंस को कॉल किया और पुलिस को भी सूचना दी।

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जब एंबुलेंस पहुंची तो उसमें 3 घायलों को हॉस्पिटल भेजा गया। पंकज बिश्नानी, पंकज के पिता हरीश, भाई विजय और भांजे राजा दास की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, घायलों में उनके जीजा शिव कुमार दास की हालत नाजुक बनी हुई है। साथ ही पंकज की बहन सपना दास और भांजी मिष्टी भी घायल हैं। वहीं हादसे की जानकारी मिलने पर कार के मैकेनिक ने बताया कि, पंकज ने इस कार को कुछ महीने पहले ही लिया था। इस बीच उसका तीन बार एक्स‍िडेंट पहले भी हो चुका है। मैकेनिक की माने तो पंकज को कार बदलने की सलाह कई बार दी थी। वहीं ट्रामा सेंटर में मृतक पंकज की बहन सपना और उसकी बेटी मिष्ठी का रो-रो कर बुरा हाल था।मिष्ठी ने रोते हुए बताया, "मामा ने कहा था, इस बार जन्मदिन पर और बड़ी चॉकलेट लेकर आएंगे। शुक्रवार वह छोटी चॉकलेट लेकर आए थे।" बड़े मामा ने कहां था, "हम सब घूमने चलेंगे।" नाना मुझे शाम को घुमाने ले जाते थे। अब ये सब कौन करेगा, मेरे मामा मुझे छोड़कर नहीं जा सकते। उनका इलाज करो डॉक्टर सर, आप उन्हें बचा सकते हैं।" मां से लिपटकर मामा और नाना की बात बोलते हुए मिष्टी बुरी तरह रो पड़ी।

बच्ची का रोना देखकर ट्रामा में मौजूद डॉक्टरों ने उससे कहा कि, उनके मां अभी जल्दी ठीक होकर घर आ जायेगे। वहीं दूसरी ओर 65 साल के हरीश के 2 बेटे पंकज, विजय और एक बेटी सपना हैं। वह ट्रैवल का काम करते थे, कुछ दिन पहले छोटे लड़के के लिए मोबाइल की शॉप खुलवाई थी। बेटी बेरी घर में सबसे बड़ी थी, जिसकी शादी होने के बाद वह ज्यादातर समय बंगाल में रह रही थी। सपना अपने पति के होश में आने का इंतज़ार कर रही है। सपना ने बताया कि, पूरा परिवार खत्म हो गया।

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