बाराबंकी जिले में शौचालय निर्माण में हो रहा खेल
गाँव कनेक्शन 16 Oct 2017 5:01 PM GMT

आकाश सिंह
स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
बाराबंकी। प्रदेश भर में गाँवों को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन गाँवों में शौचालय बनाने के नाम पर खेल हो रहा है।
जिले के सिद्धौर ब्लॉक के सेमरी ग्राम पंचायत के पहला गाँव का है। गाँव का चयन पंचायती राज विभाग द्वारा ओडीएफ के लिए चयनित किया गया था। इस गाँव मे शौचालय का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है, लेकिन शौचालय निर्माण में बड़ा खेल खेला जा रहा है और धांधली भी की जा रही है।
पहला गाँव के रहने वाले बरसाती (26 वर्ष) बताते हैं, "जो भी शौचालय बनाए जा रहे हैं उनमें गुणवत्ता के नाम पर कोई चीज ही नहीं है। जुड़ाई में प्रयोग की गई ईंट एकदम निम्न क्वालिटी की है।" वहीं मयाराम (40) बताते हैं "शौचालय के लिए बनाई गई दीवारें बिल्कुल भी मजबूत नहीं है और कोई इसको देखने भी नही आता।'
बिना मौरंग के की जा रही है जुड़ाई
शौचालय निर्माण लेबर के लिए काम कर रहे पवन कुमार (29 वर्ष) बताते हैं, "हम शौचालय बनाने के लिए जिस मसाले का उपयोग करते हैं उसमें छह तसला बालू व एक तसला सीमेंट मिलाते हैं और मौरंग का उपयोग बिल्कुल भी नहीं किया जा रहा है।"
1700 रुपए प्रति शौचालय निर्माण के लिए दिया गया है ठेका
गाँव को ओडीएफ करने के लिए शौचालय निर्माण कराने का ठेका ग्राम प्रधान द्वारा ठेकेदार इकरार को दिया गया है। ठेकेदार इकरार इस बारे में बताते हैं, "शौचालय बनवाने का ठेका हमको ग्राम प्रधान द्वारा दिया गया है और इस गाँव मे कुल 58 शौचालय बनने हैं। प्रति शौचालय हमको 1700 रुपये निर्माण के लिए दिए गए हैं।"
वहीं सिद्धौर ब्लॉक के बीडीओ राकेश कुमार ने बताया, "शौचालय निर्माण के लिए 12000 प्रति शौचालय दिया जाता है।'
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