ताजमहल की दीवारों को दाग और धब्बों से बचाने के लिए कांच की दीवार लगाने का प्रस्ताव फिर उठ रहा है। सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद गुंबद में अंदर की दीवारों और बाहर यमुना किनारे की ओर कांच की दीवार लगाने का सुझाव दिया गया है। एडीजी सिक्योरिटी ने हाल ही के दौरे में ताजमहल पर लगी स्टील की रेलिंग को फेल बताया था, जिसके बाद शीशे की दीवार को सही माना जा रहा है।
एडीजी सिक्योरिटी विजय कुमार ने ताजमहल की उन जगहों पर कांच की 6 फुट ऊंची दीवार लगाने का सुझाव दिया था, जहां पर्यटक संगमरमरी दीवारों को छूते हैं। यमुना नदी की ओर से आ रहे कीड़ों के कारण दिवारों का रंग हरा होता जा रहा है. कांच की दीवार से इस समस्या का समाधान भी हो जाएगा। बताया जा रहा है कि एएसआई ने 10 साल पहले ही शीशे की दीवार को ताजमहल में लगाने का प्रस्ताव दिया था।
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तत्कालीन अधीक्षण पुरातत्वविद डा. डीएन डिमरी ने छह फुट ऊंचाई तक टफएंड ग्लास की दीवार लगाने का प्रस्ताव दिया था, जो स्टील की रेलिंग की तर्ज पर ही संगमरमर के ब्लॉक में फंसाकर दीवार के पास रखी जानी थी।
(एजेंसी)
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