गाँव के बच्चे न रह जाएं पीछे इसलिए ग्राम प्रधान खुद पढ़ाते हैं जनरल नॉलेज

Pankaj TripathiPankaj Tripathi   5 Sep 2017 4:49 PM GMT

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गाँव के बच्चे न रह जाएं पीछे इसलिए ग्राम प्रधान खुद पढ़ाते हैं जनरल नॉलेजग्राम प्रधान पढ़ा रहा बच्चों को जनरल नॉलेज।

गाजियाबाद। लोनी ब्लॉक के गांव औरंगाबाद रिस्तल के ग्राम प्रधान की इन दिनों चारो ओर चर्चा है। ग्राम प्रधान सोहित ब्लॉक से सबसे कम उम्र के प्रधान हैं। लोगों का कहना है कि उम्र में तो सोहित सबसे छोटे हैं लेकिन काम के मामले में उनका जवाब नहीं है। अपनी जिम्मेदारी को भली भांति समझने के साथ ही लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखते हैं।

सोहित को बच्चों से बहुत लगाव है और वो चाहते हैं कि गाँव के बच्चे पढ़ाई के मामले में शहर के बच्चों से पीछे न रहें। इसके लिए गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के समय में विद्यालय में हो रही पढ़ाई पर नजर रखने के साथ ही सोहित बच्चों को सामान्य ज्ञान की क्लास स्वयं लेते हैं। इस पर जब सोहित कहते हैं "मैं बचपन में पढ़ाई को लेकर सीरियस नहीं था। और सामान्य ज्ञान में बहुत कमजोर था, जिसका मुझे आज तक मलाल है। इसलिए अब मैं नही चाहता कि मेरी ग्राम सभा का बच्चा पढ़ाई में कमजोर हो और विशेष रूप से सामान्य ज्ञान में। इसलिए मैं स्वंय इनको सामान्य ज्ञान की शिक्षा देता हूं।"

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वो आगे कहते हैं, “बच्चों की झिझक को दूर करना आवश्यक है। इसलिए में पढ़ाई में तरह-तरह के प्रयोग करता हूं। इससे गांव के ज्यादा से ज्यादा बच्चे आज सरकारी स्कूलों में ही पढ़ रहे हैं। लोगों के मन से यह भ्रम निकालना है कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती। इस पूरे कार्य में विद्यालय के स्टाफ का पूरा सहयोग मिल रहा है। हमारा प्रयास है कि सही शिक्षा बच्चों को दी जा सके जिससे भविष्य में जाकर ये अपना अपने परिवार के साथ ही देश का नाम रोशन करें।”

नजदीकी स्कूल के प्रधानाचार्य अली हसन ने बताया "सोहित बच्चों के साथ काफी समय बिताते हैं और जिस दिन स्कूल नहीं आते बच्चे उन्हें पूछने लगते हैं।” गांव के फूल सिंह (63) का कहना है कि बच्चों की शिक्षा के महत्व को प्रधान सोहित समझते हैं, जो पढ़ाई वे खुद नहीं कर सके वो चाहते हैं कि बच्चे उससे महरूम न रहे।

गाँव के ही एक अन्य निवासी हुकुम सिंह (52) का कहना है पहले बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जाते थे, लेकिन अब गाँव के ज्यादातर बच्चे गांव के ही सरकारी स्कूल में जाते हैं जिससे गांव के स्कूल के छात्रों की संख्या 100 के पार पहुंच सुकी है। जो पहले 50-60 के बीच थी। इसके लिए सोहित ने काफी मेहनत की है। एबीएसए अरुणिमा शर्मा ने भी सोहित के काम की सराहना की है।

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