छह हजार रुपए की पंचायत सहायक संविदा नौकरी के लिए उच्च शिक्षित भी कतार में, 10वीं 12वीं के नंबर पर बनेगी मेरिट

6000 रुपए महीने की संविदा पर नौकरी है वो भी सिर्फ सालभर के लिए। गांव में पंचायत सहायक पद की नौकरी के लिए 12वीं की योग्यता मांगी गई थी लेकिन job के लिए कई जिलों में पोस्ट ग्रुजेएट तक ने आवेदन किए हैं। हालांकि चुनाव में 10वीं और 12वीं के नंबर के आधार पर मेरिट बनेगी।
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लखनऊ/कन्नौज। यूपी में 58 हजार से अधिक पंचायत सहायक/एकाउंटेंट कम डाटा इंट्री ऑपरेटर के चयन की प्रक्रिया जारी है। बेरोजगारी व कोरोना संक्रमण काल की वैश्विक महामारी के चलते छह हजार रुपए मासिक पगार की संविदा नौकरी को लेकर बीएड से लेकर एमए तक वालों ने आवेदन किया है। आवेदनों की गिनती और जांच में यह तथ्य सामने आए हैं।

प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में एक-एक पंचायत सहायक का चयन होना है। इसके तहत दो अगस्त से 17 अगस्त तक आवेदन मांगे गए थे। शासनादेश के तहत ग्राम पंचायत में प्रधान पद के चुनाव में जो भी आरक्षण रहा है, उसी आरक्षण के तहत पंचायत सहायक का भी चयन होगा। नियम मुताबिक एक साल के लिए अभ्यर्थियों का संविदा पर चयन किया जाएगा। छह हजार रुपए मासिक मानेदय मिलेगा। एक साल के बाद दोबारा इसी तरह से चयन होगा, अगर पंचायतकर्मी की सेवाएं संतोषजनक हैं तो ग्राम पंचायत की खुली बैठक में अधिकतम दो साल के लिए नवीनीकरण भी किया जाएगा।

पंचायत सहायक की भर्ती में 12वीं तक की योग्यता मांगी गई है। 10वीं और 12वीं के नंबर के आधार पर मेरिट बनेगी जिसके बाद चयन होगा। फार्म ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला पंचायत स्तर पर जमा किए गए थे, सभी तरह के फार्म वापस पंचायत में भेजे जाने थे। जिसके बाद चयन प्रक्रिया आगे बढ़नी थी। हालांकि कई जगह ये फार्म वापस नहीं पहुंचे हैं। 24 अगस्त को जालौन जिले में मलकापुरा ग्राम पंचायत के प्रधान अमित ने बताया कि उनके यहां ग्राम पंचायत स्तर पर 11आवेदन हुए थे, जिसमें ज्यादातर स्नातक हैं। बाकी जो क्षेत्र और जिला पंचायत स्तर पर जमा हुए हैं वो वापस लौटकर ग्राम पंचाय़त में नहीं आए हैं।”

शासनादेश में जिक्र नहीं, कम्प्यूटर की जानकारी होना जरूरी

यूपी के कन्नौज से जिला पंचायत राज अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्र का कहना है, “पंचायत सहायकों की भर्ती का जो आदेश आया है, उसमें कहा गया है कि पंचायत सहायक का चयन होने के बाद प्रशिक्षण दिया जाएगा। कम्प्यूटर चलाने व उस पर काम करने की जानकारी होनी चाहिए। पंचायत भवन खोलने व बैठने की जिम्मेदारी पंचायत सहायक की होगी। सफाई की व्यवस्था सफाईकर्मी करेंगे। कम्प्यूटर पर ऑनलाइन फीडिंग व सहयोग भी सहायकों को करना होगा।”

कन्नौज में हर ग्राम पंचायत से औसत 13 आवेदन

जनपद कन्नौज में 499 ग्राम पंचायतें हैं। एक ग्राम पंचायत में एक ही पंचायत सहायक भर्ती होगा। जनपद में कुल 6419 ओवदन आए हैं। औसत 13 ओवदन हर ग्राम पंचायत से आए हैं। इसमें आठों ब्लॉकों में सबसे अधिक 4815 आवेदन आए हैं। ग्राम पंचायतों में भी 1596 आवेदन हैं। जिले पर आठ आवेदन जमा हुए हैं। कन्नौज के अपर जिला पंचायत राज अधिकारी राम अयोध्या प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि आवेदनों की संख्या 6419 से अधिक भी हो सकती है। यह आवेदन सम्बंधित ग्राम पंचायतों को भेज दिए जाएंगे।

योगी सरकार प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों को ग्राम सचिवालय के रुप में विकसित कर रही है। फोटो साभार

जिन परिवारों में कोविड-19 से मृत्यु, उनका चयन पहले

शासनादेश में कहा गया है कि जिन परिवारों में कोविड-19 से किसी सदस्य की मौत हुई है, उनका चयन पंचायत सहायक के लिए वरीयता से किया जाएगा। केवल कन्नौज में ही ऐसे 12 लोगों के आवेदन आए हैं। चयन के बाद सभी पंचायत सहायकों से प्रधान एक साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर कराएंगे। इसकी कापी डीपीआरओ (जिला पंचायतराज अधिकारी) के पास भी रिकार्ड के लिए जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर प्रधान दो तिहाई सदस्यों का बहुमत होने पर हटा भी सकेंगे।

पंचायत सहायकों की ऐसे चलेगी नियुक्ति प्रक्रिया

प्रदेश में पंचायत सहायक के लिए आवेदन दो अगस्त से 17 अगस्त तक जमा हुए हैं। ब्लॉक व डीपीआरओ कार्यालय में प्राप्त आवेदन 23 अगस्त तक सम्बंधित ग्राम पंचायतों को आवेदन भेजे जाएंगे। 24 से 31 अगस्त तक मेरिट लिस्ट बनेगी, जो ग्राम पंचायत की प्रशासनिक समिति के सामने आएगी और अनुमोदन के बाद सूची जिला स्तरीय समिति सदस्य सचिव यानि डीपीआरओ के पास भेजी जाएगी। एक से सात सितम्बर तक डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी परीक्षण व संस्तुति करेगी। आठ से 10 सितबर तक ग्राम पंचायत नियुक्ति पत्र बांटेंगे।

लिस्ट का जिलास्तरीय कमेटी परीक्षण करेगी

कन्नौज के अपर जिला पंचायत राज अधिकारी राम अयोध्या प्रसाद कहते हैं कि जो भी आवेदन आए हैं, वह सम्बंधित ग्राम पंचायतों को भेजे जा रहे हैं। ग्राम पंचायत से ही चयन को लेकर मेरिट लिस्ट बनाकर जारी होगी। लिस्ट का जिलास्तरीय कमेटी परीक्षण करेगी। उसके बाद ही चयन होगा। कई तरह की डिग्री व डिप्लोमा लिए लोगों के आवेदन भी आए हैं, न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट ही मांगी गई थी।

चयन प्रक्रिया को लेकर कन्नौज के जिला पंचायती राज अधिकारी जितेंद्र मिश्र विस्तार से बताते हैं, “आवेदन भले ही उच्च शिक्षित वर्ग के आएं हो लेकिन मेरिट 10वीं और 12वीं के नंबर के आधार पर बनेगी। इस दौरान पंचायत के आरक्षण का ध्यान रखा जाएगा। यहां पर आरक्षण का वहीं नियम लागू होगा जो पंचायत चुनाव हुआ है। ये पोस्ट के लिए चयन ग्राम पंचायत स्तर पर ही होना है। पंचायत खुद में एक अथॉरिटी और अपने आप में एक आयोग समझिए।”

कन्नौज में ग्राम विकास अधिकारी सुधीर दुबे बताते हैं कहते हैं, “गांव में जो बेरोजगार थे उन्होंने आवेदन किया है। ज्यादातर तो 12वीं और स्नातक वाले हैं लेकिन कई फार्म बीएड से लेकर एमएड तक के लोगों के भी हैं।” वो आगे कहते हैं, जब काम कंप्यूटर पर होना है तो सरकार को चाहिए था कि कंप्यटूर की जानकारी वालों को प्राथमिकता मिलती।”

पिछले कुछ वर्षों में ग्राम पंचायत स्तर पर कई बड़े बदलाव हुए हैं। प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी ग्राम पंचायत भवनों को ग्राम सचिवालय के रुप में विकसित करने की योजना में है, जिसके तहत कई जगह सचिवालय बन गए हैं तो कई जिलों में ग्राम पंचायत भवनों को इस रुप में विकसित किया जाएगा। ग्राम पंचायत भवन/ग्राम पंचायत सचिवालय में प्रधान के अलावा, पंचायत सहायक और एक बैंक सभी भी बैठेगी। इसके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों प्रदेश की सभी 59 हजार ग्राम पंचायतों के ग्राम पंचायत भवनों नें मिशन शक्ति भवन का शुभारंभ करने के निर्देश दिए थे।

पंचायती राज विभाग के मुताबिक यूपी की 33577 ग्राम पंचायतों में पहले से ही पंचायत भवन निर्मित हैं। इन पंचायत भवनों में मरम्मत और विस्तार की कार्रवाई को अगले 3 माह में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार की योजना प्रदेश में 24617 पंचायत भवन निर्मित करने की है। इनमें से 2088 राष्ट्रीय ग्राम सुधार अभियान (आर.जी.एस.ए) के तहत बनाए जाने हैं, जबकि 22529 वित्त आयोग एवं मनरेगा के तहत स्वीकृत कर निर्मित करने हैं। इन सभी 24617 निर्माणाधीन पंचायत भवनों को भी सरकार ने अगले 3 महीने में पूरी तरह से तैयार करने को कहा है।

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