लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। लगातार कोरोना आपदा की मार झेल रहे आम के बागवान जहां एक ओर थ्रिप्स के प्रकोप से बेहाल हैं वहीं बाजार बंद होने की वजह से इसकी बिक्री को लेकर चिंतित हैं।
ऐसे किसानों, फल व्यापार की कंपनियों और सरकार के विभिन्न विभागों को आपस में जोड़ने के लिए लखनऊ के रहमानखेड़ा में स्थित केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने शनिवार (5 जून) को ऑनलाइन आम क्रेता-विक्रेता संगोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें उद्यान एवं स्वास्थ्य प्रसंस्करण विभाग, राज्य बागवानी सहकारी विपणन संघ, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय के साथ बड़ी संख्या में आम बागवानी और निजी क्षेत्र के उद्यमियों को एक साथ जोड़ा गया।
मलिहाबाद के बागों में व्यापारियों का बाग में आना जाना बौर निकलने के बाद आम के छोटे आकार की अवस्था में ही प्रारंभ हो जाता है। इस वर्ष कोरोना और मार्केट की अनिश्चितता ने आम के कारोबारियों को बागों की तरफ आकर्षित नहीं किया। आमतौर पर यह सोचा जाता है कि यह व्यापारी किसान को अच्छा दाम नहीं देते परंतु फसल बिक जाने की गारंटी होने के कारण वे निश्चिंत रहते हैं। दूसरी तरफ किसानों को यह भी आशंका है कि मंडी मैं अच्छा दाम नहीं मिलेगा, क्योंकि ज्यादातर आम जो दिल्ली और दूसरे प्रदेशों को जाता था उसमें कमी आएगी।
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक शैलेंद्र राजन ने अपने बयान में कहा कि यदि आम को पका दिया जाए तो आमदनी अच्छी होती है। लेकिन आम के लिए राइपेनिंग चैंबर की अनउपलब्धता बागवान को उचित मूल्य दिला नहीं पाती ऐसे में संस्थान लघु स्तर पर राइपेनिंग चैंबर की स्थापना में संस्थान में मदद करेंगा।
बैठक में सचिव आम उत्पादक बागवानी उरेंद्र सिंह समेत कई किसानों ने आम की मार्केटिंग से जुड़ी समस्याओं की तरफ अधिकारियों और कारोबारियों का ध्यान दिलाया।
इस दौरान उद्यान विभाग उत्तर प्रदेश के निर्देशक डॉ. आरके तोमर ने बताया कि प्रदेश की महिलाबाद जैसी 14 फल पट्टी में प्रशिक्षण का आयोजन किया जायेगा। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश सरकार का विशेष सहयोग करेगा। प्रत्येक फल पट्टी में 50 किसानों को तोड़ाई पूर्व एवं तोड़ाई उपरांत कार्यों में प्रशिक्षित किया जायेगा एवं इन किसानों को पावर स्प्रे सहित पैक हाउस जैसी सुविधाओं के लिए अनुदान मिलेगा। दूर बाजार से जोड़ने के लिए वेंडिंग कार्ट की सुविधा भी किसानों को मिलेगी।”
आम के कारोबार से जुड़ी कंपनी मैंगो बाबा ऐप के उद्यमी मनीष यादव ने कहा कि, ” उनके दो हजार से भी ज्यादा कस्टमर आम की होम डिलिवरी की मांग कर रहे हैं। आम जनता इस ऐप के माध्यम से घर बैठे आम के बागों के ताजे आम मंगा रहे हैं। अभी यह सुविधा लॉकडाउन के कारण केवल लखनऊ में ही उपलब्ध है।”
इस दौरान एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन के प्रधान अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा ने कहा, “युवा उद्यमी सैनेटाइज आम को डिब्बाबंद करके डोर टू डोर पहुँचाने में दिलचस्पी ले रहे हैं।”
आल फ्रेश सप्लाई मैनेजमेंट प्रा. लि. नई दिल्ली के नरेश जावा बताते हैं कि गुजरात में पैदा हो रहे दशहरी आम की मांग तेज हो रही है, इसलिए मलिहाबाद के दशहरी आम को टक्कर मिलनी शुरू हो गयी है। हालांकि गुजरात की दशहरी का आकार छोटा है और उत्पादन भी सीमित है अतः मलिहाबाद के आम बागवानों के लिए कोई विशेष परेशानी का विषय नहीं है।”
बागवानी विभाग के निदेशक डॉ. तोमर ने कहा, “मलिहाबाद को देश 2 आम क्लस्टरओं के में से आम के एक क्लस्टर के रूप में चुना गया है और आने वाले दो वर्षों में आम क्लस्टर मैं कई सारी सुविधाएं स्थापित हो जाएंगी। इन कलस्टरों के किसानों को प्रशिक्षित करने कार्य संस्थान करेगा। साथ ही उद्यान विभाग एवं होफेड जैसी संस्थाये इनके विपणन में मदद करेंगे। इसी क्लस्टर एप्रोच से आम बागवानों को यथोचित दाम मिलने की पूर्ण संभावना है।”