भाजपा बताए किसानों की आय दोगुनी कैसे करेगी: सपा

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भाजपा बताए किसानों की आय दोगुनी कैसे करेगी: सपासमाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने शनिवार का कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई हैं केंद्र और राज्य के मंत्रियों का एक ही काम रह गया है कि वे समाजवादी सरकार की ओर से किए गए विकास कार्यो पर अनर्गल टिप्पणी करना नही भूलते हैं।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री जी के साथ एक बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने समाजवादी सरकार पर कृषि के विकास न होने की बात कही। उन्होंने दावा किया कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी हो जाएगी। यह कैसे होगा इसका कोई ठोस प्रारूप तक वे नही बता पा रहे हैं। किसानों की आर्थिक स्थिति तब कैसे सुधरेगी?

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उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्ष से केन्द्र की भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार के प्रति सौतेला व्यवहार करती रही थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दर्जनों पत्र प्रधानमंत्री और कई विभागों के मंत्रियों को लिखे ताकि समय से प्रदेश की विकास योजनाएं आकार ले सकें। केंद्र के बनाए नीति आयोग ने भी प्रदेश के विकास में कोई रूचि नहीं ली। उल्टे उसकी नीतियों से प्रदेश को राजस्व में 9 हजार करोड़ की हानि हुई। समाजवादी सरकार जहां अपने बजट का 75 प्रतिशत राशि किसान-गाँव के लिए खर्च कर रही थी वही केंद्र सरकार की प्राथमिकता में कृषि कहीं भी नही हैं। गरीबों की जगह कारपोरेट घरानों की भाजपा को ज्यादा चिंता रहती है।

राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी सरकार में अखिलेश यादव ने कृषि विकास और किसानों की आर्थिक तरक्की के शानदार काम किए थे। मुफ्त सिंचाई, किसानों को प्राकृतिक प्रकोप पर 5 से 7 लाख रूए तक का मुआवजा, 50 हजार रूपए तक कर्ज माफी, कृषक दुर्घटना बीमा, डा. लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना, जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना, लोहिया ग्रामीण आवास योजना, रिकार्ड बिजली सप्लाई आदि तमाम लाभ की योजनाएं अखिलेश यादव ने लागू की थी। गाँवो में संपर्क मार्ग, मंडी स्थलों की स्थापना, कामधेनु योजना के जरिए किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए गए थे।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व की समाजवादी सरकार के कामों से भाजपा बहुत घबराई हुई है इसलिए वह इसके खिलाफ दुष्प्रचार पर उतर आई है। उनका दुस्साहस इस हद तक प्रदर्शित होता है कि समाजवादी सरकार में कृषि क्षेत्र की उपेक्षा की बातें सुनियोजित साजिश के तहत की जा रही हैं। भाजपा का बुनियादी विचार ही समाज में अलगाववाद पर आधारित हैं जबकि समाजवादी मानते हैं कि सामाजिक सद्भाव के बिना विकास नहीं हो सकता है।

भाजपा का गाँव, गरीब, किसान और खेत से कभी कोई संबंध नहीं रहा है। गांधी जी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, चौधरी चरण सिंह की कृषि नीति और डॉ. लोहिया के आर्थिक समता के सिद्धांत को समाजवादी मानते हैं। इसलिए अखिलेश यादव ने कृषि और अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार को अपनी प्राथमिकता में रखा था। जनता इस सच्चाई को अच्छी तरह जानती है किन्तु भाजपा शायद इस मुगालते में है कि किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।

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