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हुनर हाट : ‘एक जनपद एक उत्पाद’ में यूपी के 75 जिले का हर स्वदेशी उत्पाद है बेहद ख़ास

लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में चल रहे हुनर हाट में 'एक जनपद एक उत्पाद' में यूपी के 75 जिले से भिन्न-भिन्न तरह के स्वदेशी उत्पाद आये हुए हैं। ये उत्पाद लोकल फॉर वोकल का जीता जागता उदाहरण हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों से ये कारीगर जो उत्पाद बनाते आये हैं उनको इस हुनर हाट में मार्केटिंग का एक बेहतर मौका मिला है।
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पीलीभीत जिले से आये इकरार मियां जब बांसुरी बजाते हैं तो आसपास के लोग उनकी दुकान की तरफ बरबस ही खिंचे चले जाते हैं। वो इस बांसुरी की अनगिनत खूबियां बताते हैं, “पीलीभीत की बांसुरी की धुन सात समंदर पार भी गूंजती है। यह बांसुरी कई देशों में जाती हैं। डेढ़ सौ साल पुराना है ये कारोबार।”

‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत इकरार मियां की तरह इस हुनर हाट में यूपी के 75 जिले से उत्पाद आये हैं। इसमें हर जिले का वो उत्पाद शामिल किया गया है जो उस जिले का प्रसिद्ध उत्पाद रहा है। इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों से वहां के विशेष उत्पाद इस हुनर हाट में सजे हैं।

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा देश के सैकड़ों हुनरमंद दस्तकारों और शिल्पकारों को यूपी के लखनऊ में चल रहे 24वें हुनर हाट में अपने उत्पादों को बेचने का मौका मिला है। उत्तर प्रदेश देश के सैकड़ों हुनरमंद दस्तकारों और शिल्पकारों को 22 जनवरी से 4 फरवरी तक चलने वाले इस हुनर हाट के माध्यम में मार्केटिंग का एक बड़ा प्लेटफार्म प्रदान कर रहा है।

पीलीभीत से आये इकरार मियां बांसुरी का इंस्टाल लगाये हुए हैं.

एक जनपद एक उत्पाद के तहत स्टाल नंबर-50 पर स्लो प्रोडक्ट्स का स्टाल लगा हुआ है। ‘स्लो प्रोडक्ट्स’ पारंपरिक तौर से बने उत्पादों को सामने ला रहा है। शुद्ध शहद, बाजरे का बिस्कुट, पिघला हुआ गुड़ और कुछ सुनहरी मीठी यादें वाले इस प्रोडक्ट की विशेषता यह है इसमें किसानों और उत्पादकों को उनकी उपज की लागत के अलावा, शुद्ध लाभ का 10 प्रतिशत भी दिया जाएगा।

स्लो प्रोडक्ट्स ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर स्लो बाजार (www.slowbazaar.com) पर उपलब्ध हैं, जहाँ से ये पूरे भारत में लगभग 27,000 पिन कोड इलाकों तक पहुँचाए जा सकते हैं। स्लो प्रोडक्ट के अंतर्गत शहद (मल्टीफ्लॉवर, सरसो, शीशम, नीलगिरी, अजवाईन), बाजरा कुकीज़, गाय का घी, अलसी, आटा, सरसों तेल और नारियल तेल के अलावा कई तरह के उत्पाद हैं।

‘स्लो प्रोडक्ट्स’ की सीईओ यामिनी मिसरा बताती हैं, “हम हेल्दी फ़ूड को बढ़ावा दे रहे हैं। इन सभी प्रोडक्ट्स को नेचुरल तरीके से बनाते हैं इसमें किसी तरह के केमिकल की कोई मिलावट नहीं है। जो कुकीज हैं वो मिलट्स से बनते हैं जिसमें आटा और मैदा नहीं मिलाया जाता।” 

इस हुनर हाट को तीन हिस्सों में अलग-अलग तरह के स्टाल लगे हैं, जहाँ एक तरफ एक जनपद एक उत्पाद के तहत यूपी के 75 जिले के विशेष प्रोडक्ट आये हैं वहीं हुनर हाट में अलग-अलग राज्यों के विशेष उत्पाद आये हैं, तीसरा खादी महोत्सव भी लगा हुआ है। इन उत्पादों के अलावा यहाँ आपको कई जगह सेल्फी पॉइंट दिख जाएंगे जहां लोग तस्वीरें खिंचवा कर गाँव से जुड़ी अपनी यादों को ताजा कर रहे हैं। जगह-जगह झोपड़ियां बनी हुई हैं, चारपाई बिछी हुई हैं, तरह-तरह के व्यंजनों की खुशबू, कई राज्यों की लोक संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिल रही है।

एक जनपद एक उत्पाद में स्टाल नम्बर-50 पर लगा है स्लो प्रोडक्ट्स. 

हुनर हाट में उड़ीसा से आये मोहम्मद अनवर के स्टाल पर हैंडमेड झूमर लगी हुई हैं अँधेरा होते ही जब उसमें लाइटें जलती हैं तो ये कलरफुल झूमर बरबस ही ग्राहकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। अनवर कहते हैं, “कोरोना के बाद ये पहले मेला मिला है, यहाँ अच्छी बिक्री हो जाती है। जहाँ भी इस तरह के मेले चलते हैं हम अपनी दूकान वहन लगाते हैं, इन्ही मेलों से अच्छी आमदनी हो जाती है।” 

इस हुनर हाट में यूपी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्‍ट ‘वन डिस्ट्रिक्‍ट वन प्रोजेक्‍ट’ (ओडीओपी) को एक बड़ा मंच मिला है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 24 जनवरी को 24 वें हुनर हाट का उद्घाटन किया था, मेले की शुरुआत 22 जनवरी से हो चुकी थी। आगे आने वाले सालों में हुनर हाट का आयोजन मैसूर, जयपुर, चंडीगढ़, इंदौर, मुंबई, हैदराबाद, नई दिल्ली, रांची, कोटा, सूरत/अहमदाबाद, कोच्चि, पुडुचेरी और अन्य स्थानों पर किया जाएगा।

कुशीनगर जिले के हरिहरपुर 36 वर्षीय रवि प्रसाद केले के रेसेज से बने उत्पाद का स्टाल लगाये हुए हैं। रवि बताते हैं, “हमारे जिले में सैकड़ों एकड़ केले की खेती होती है किसान केले तोड़कर उसके रेसेज फेक देते थे हम उन खारब रेसेज से अब दरी, चप्पल, बैग कई तरह का सामान बनाने लगे हैं।” रवि प्रसाद की तरह इस मेले में आये हर जिले के उत्पाद की अपनी एक विशेषता है।

इस मेले में पीलीभीत की बांसुरी, अलीगढ़ के ताले, कन्नौज का इत्र, भदोही की कालीन, हाथरस की हींग, लखनऊ की चिकनकारी और स्लो प्रोडक्ट का शहद सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। देश के सैकड़ों हुनरमंद दस्तकारों और शिल्पकारों के बने ‘स्वदेशी उत्पाद’ इस हुनर हाट की ख़ासियत हैं।

हुनर हाट में ग्रामीण परिवेश की कई झलकियां.

यह आयोजन वोकल फॉर लोकल और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी-वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) को एक बेहतर बाजार मुहैया कराया जा रहा है। लखनऊ के हुनर हाट में जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 500 हुनरमंद अपने उत्पादों के साथ हुनर हाट में अपना-अपना स्टाल लगाये हुए हैं।

अवध शिल्प ग्राम हुनर हाट में जाने वाले लोगों की सुविधा के लिए लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट की ओर से 24 जनवरी से 4 फरवरी तक 54 बसों का संचालन अलग-अलग रूटों से किया गया है। बसें सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक हर 15 मिनट के अंतराल पर यात्रियों को मिल सकें ऐसी व्यवस्था की गयी है। 

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