‘देशवासी लखनऊ की ‘पहले आप’ की तहजीब अपना लें तो कई समस्याएं पैदा ही नहीं होंगी’
गाँव कनेक्शन 15 Dec 2017 4:34 PM GMT
लखनऊ। “अगर सभी देशवासी, लखनऊ के लोगों की ‘पहले आप’ वाली तहजीब अपना लें, तो बहुत सी आपसी व्यवहार की समस्याएं शायद पैदा ही नहीं होंगी, और लोग अधिक खुश रहेंगे। यह अधीर या आक्रामक होने के बजाय धैर्यवान और संवेदनशील होने की तहजीब है।“ यह विचार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को लखनऊ में बाबा भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान हजारों छात्र-छात्राओं के समक्ष रखे।
लखनऊ की तहजीब की अपनी अलग पहचान
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आगे कहा, “हमारे देश में लखनऊ की तहजीब की अपनी एक अलग पहचान है। यहां के शिष्टाचार में सबको ‘आप’ कहकर संबोधित किया जाता है। इसके पीछे केवल औपचारिकता ही नहीं है, बल्कि यह दूसरे को आदर देने की भावना का परिचायक है। इसी तरह लखनऊ के लोगों में दूसरे को तरजीह देते हुए ‘पहले आप’ कहने की परंपरा रही है। कभी-कभी इसका परिहास भी होता है, लेकिन इसके पीछे भी केवल नफासत ही नहीं, बल्कि धीरज रखने और दूसरे को प्राथमिकता देने की भावना होती है।“
#PresidentKovind addresses 7th convocation of Babasaheb Bhimrao Ambedkar University; says the country will progress faster if we provide more opportunities to our daughters when it comes to education pic.twitter.com/LzkmLiiDQc
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 15, 2017
बाबा साहब संविधान सभा में अनेक उच्च-कोटि के विद्वान रहे
इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बाबा साहब अंबेडकर, बोधानंद जी और अटल बिहारी बाजपेयी की लखनऊ से जुड़ी अपनी कई पुरानी यादों को ताजा किया। राष्ट्रपति ने कहा, “डॉक्टर अंबेडकर बहुत कम समय में ही गंभीर और जटिल विषयों पर अपनी थीसिस पूरी कर लिया करते थे, और उनके शोध में गहराई होती थी। जैसा कि बहुत से लोग जानते होंगे, भारत की संविधान सभा में अनेक उच्च-कोटि के विद्वान मौजूद थे। ऐसे विद्वानों से भरी हुई सभा में भी बाबासाहेब की चर्चा सबसे अधिक विद्वान सदस्य के रूप में होती थी। शायद इसीलिए उन्हे संविधान सभा की ‘ड्राफ्टिंग कमेटी’ का अध्यक्ष चुना गया था। बाबासाहब जैसी विलक्षण प्रतिभा से जुड़े विश्वविद्यालय के हर छात्र और छात्रा में शिक्षा और नैतिकता के प्रति गहरी निष्ठा होनी चाहिए।“
आज माननीय राज्यपाल श्री राम नाईक जी के साथ आज लखनऊ एयरपोर्ट पर माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी का स्वागत किया। pic.twitter.com/RokiSV8N5l
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 15, 2017
भारत की बेटियों पर गर्व
बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए विशेष अवसर प्रदान करने के लिए मैं इस विश्वविद्यालय की सराहना करता हूं। मेरा मानना है कि हम अपनी बेटियों के लिए शिक्षा के जितने अधिक अवसर उपलब्ध कराएंगे उतनी ही तेजी से हमारे देश का विकास होगा — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/Y6U7UkoTjC
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 15, 2017
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आगे कहा, “इस विश्वविद्यालय में, केवल 13 वर्ष की उम्र में पीएचडी कर रही सुषमा वर्मा, और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार पाने वाली नीलू शर्मा के रूप में दो नए उदाहरण मेरी असाधारण बेटियों की सूची में जुड़ गए हैं। मुझे भारत की इन बेटियों पर गर्व है।“ उन्होंने आगे कहा, “बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए विशेष अवसर प्रदान करने के लिए मैं इस विश्वविद्यालय की सराहना करता हूं। बाबासाहेब भी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों की समानता के पक्षधर थे। मेरा मानना है कि हम अपनी बेटियों के लिए शिक्षा के जितने अधिक अवसर उपलब्ध कराएंगे उतनी ही तेजी से हमारे देश का विकास होगा।“
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