कानपुर में एक नाबालिग गैंगरेप पीड़िता के पिता को ट्रक ने रौंदा, कांग्रेस ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा

यूपी के कानपुर में 10 मार्च को एक व्यक्ति को उस वक्त एक ट्रक ने रौंद डाला जब वो अपनी 13 साल की गैंगरेप पीड़ित बच्ची का मेडिकल करवाने सरकारी अस्पताल जा रहा था। परिजनों ने गैंगरेप के आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया है।
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उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में 13 साल की बच्ची के साथ तीन युवकों द्वारा गैंगरेप और पीड़िता के पिता की सड़क हादसे में मौत के मामले में कांग्रेस ने न्यायिक जांच और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। गैंगरेप के मुख्य आरोपी गोलू यादव और उसके सहयोगी दीपू यादव को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में हल्का प्रभारी, चौकी इंचार्ज समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर के सजेती थानाक्षेत्र से लगभग छह किलोमीटर दूर एक गांव में 13 साल की बच्ची के साथ 9 मार्च को कथित तौर पर गैंगरेप की घटना पुलिस के सामने आई, पीड़िता के पिता ने 9 मार्च को सजेती थाने में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अगले दिन 10 मार्च को पुलिस की गाड़ी से बच्ची को मेडिकल जांच के लिए घाटमपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। अस्पताल के बाहर पीड़िता के पिता को टक्कर मार दी हादसे में उनकी मौके पर मौत हो गई।

परिजनों का आरोप है कि जब ये पिता और पुत्री थाने में एफआईआर दर्ज कराने गये थे तभी एक आरोपी ने इन्हें जान से मारने की धमकी दी थी अगले ही दिन इस बच्ची के पिता के साथ ये हादसा हो गया। गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने गैंगरेप के आरोपियों पर हत्या कराने का आरोप लगाते हुए कानपुर-सागर हाईवे पर जाम भी लगाया था। मुख्य आरोपी एक दरोगा का बेटा बताया जा रहा है, आरोप है कि उसने दो दोस्तों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया।

कानपुर के डीआईजी/एसएसपी डॉ प्रीतिंदर सिंह ने जारी बयान में बताया, “सजेती थाना में 9 मार्च को एक नाबालिग बच्ची के साथ रेप की घटना सामने आयी है जिसमें आईपीसी की धारा 376डी(ए),504,506 IPC व 5G/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है, तीसरे को भी अतिशीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना और उसके बाद की दुर्घटना में सीओ घाटमपुर द्वारा की गयी रिपोर्ट में सजेती थाना क्षेत्र में जो हल्का प्रभारी हैं उनकी लापरवाही सामने आयी जिन्हें सस्पेंड कर दिया गया, घाटमपुर में हुई घटना में जो चौकी इंचार्ज हैं उनको सस्पेंड किया गया, बीट कांस्टेबल को भी सस्पेंड कर दिया गया। इन तीनों पुलिस अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई का आर्डर किया गया है। तीनों जो पुलिस कर्मियों की जांच पुलिस अक्षीक्षक ग्रामीण (SP Rural) को सौंपी गयी है, इन तीनों की क्या लापरवाही रही इसकी रिपोर्ट एसपी रूरल मुझे देंगे।”  

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कानपुर परिक्षेत्र के आईजी मोहित अग्रवाल ने ट्वीटर पर जारी बयान में कहा, “कानपुर नगर के सजेती थानाक्षेत्र में 9 मार्च को पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि एक बच्ची के साथ तीन युवकों द्वारा गलत कार्य किया गया है। थाने में तुरंत मुकदमा दर्ज किया गया, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। मुख्य अभियुक्त गोलू यादव को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया है, अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है।”

मोहित अग्रवाल ने आगे कहा, “बच्ची का पिता बच्ची का मेडिकल कराने के लिए घाटमपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे थे, उसी वक़्त बच्ची के पिता ट्रक की चपेट में आ गये जहाँ उनकी मौत हो गयी। आरोपियों पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी। पीड़ित पक्ष को 10 लाख रुपए का मुआवजा और पांच बीघा जमीन देने की घोषणा की गयी है।”

कानपुर परिक्षेत्र के आईजी ने कहा कि पुलिस, प्रशासन और सरकार पीड़ित के साथ है। उन्होंने कहा कि इन अभियुक्तों के खिलाफ जांच जारी है अगर इन्होंने कोई अवैध संपत्ति अर्जित कर रखी है तो उसके भी चिन्हांकन के आदेश दिए गए हैं। अगर ऐसे संपत्ति पाई गई तो उसे तत्काल जब्त या फिर बुल्डोजर से ध्वस्त किया जाएगा।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के वर्ष 2019 के आंकड़ों के अनुसार देश भर में हर दिन बलात्कार की 87 घटनाएँ दर्ज की जा रही हैं। इसी साल बलात्कार के कुल 32,033 मामले दर्ज किये गए, जिसमें सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 3,065 मामले थे, जो कुल बलात्कार के मामलों का 10 प्रतिशत हैं।

वहीं इस मामले में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दिल्ली में दिल्ली में पत्रकार वार्ता में महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में पहले महिलाओं के खिलाफ अपराध होता है, फिर उसको छिपाने और साक्ष्य मिटाने की कोशिश होती है। कुछ नहीं होता तो जो पैरवी करने वाला पिता या भाई होता है उसे मार डाला जाता है। लड़कियों के इस बढ़ते अपराधिक ग्राफ को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नौतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।”

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