रिपोर्टर – नफीस सिददीकी
बेटी की शादी के लिए घर में रखा सामान और बारातियों के स्वागत, सत्कार के लिए रखी सामग्री आग से जल रही थी। अपनी होने वाली पत्नी के घर में आग से सब कुछ खत्म हो जाने पर दरिया दिली दिखाते हुए एक युवक ने उसे अपने गाँव बुलाकर मंदिर में सात फेरे लेकर शादी कर ली।
जिला उन्नाव के गाँव पुर्वा सरैया थाना मौरावां निवासी मूलचंद्र ने अपनी पुत्री प्रीती की शादी औरैया जिले के फफूंद के करीबी गाँव ताहरपुर निवासी किशन लाल के पुत्र कुुलदीप से तय की गई थी। शादी की तारीख 10 फरवरी रखी गई थी। दोनों तरफ से शादी की तैयारियां ज़ोरो पर चल रही थी। शादी के एक दिन पहले घर पर लगी आग ने शादी की खुशियां मातम में तब्दील कर दी।
लड़की के घर में अचानक आग लग जाने से शादी के उपहार और बरातियों के स्वागत, सत्कार के लिए रखा खाद्यान्न जलकर राख हो गया था। आर्थिक तंगी और घर में लगी आग ने मूलचंद्र को पूरी तरह से हताश कर दिया।
लड़का पक्ष को जब आग की खबर मिली तो बारात रोक दी गई। कुलदीप ने अपनी होने वाली पत्नी प्रीती के घर में आग लगने से सब कुछ खत्म हो जाने पर अपने परिजनों से बिना बारात, ढोल-ताशे के साथ शादी करने की बात कहते हुए, अपने सास-ससुर और पत्नी को गाँव ताहरपुर फफूंद बुला लिया।
गाँव के ही एक मंदिर परिसर में कुलदीप ने प्रीती के साथ सात फेरे लिए। शादी में गाँव के लोग इकट्ठा हुए और वर-वधू को आर्शीवाद दिया।
लड़की के पिता मूलचंद्र ने बताया ,’’ मैं पूरी तरह से टूट चुका था, घर में आग लग गई थी। आर्थिक तंगी से मैं पहले से ही परेशान था, स्वागत, सत्कार बारातियों का न कर पाने की वजह से फिर मैंने बारात नहीं बुलाई। मेरे समधी और दामाद ने दरियादिली दिखाकर मेरी बेटी को अपने घर की बहू बना लिया।”