यूपी में बाढ़ की आहट से बढ़ी चिन्ता, हर साल घाघरा और गंगा समेत कई नदियां मचाती हैं तबाही

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यूपी में बाढ़ की आहट से बढ़ी चिन्ता, हर साल घाघरा और गंगा समेत कई नदियां मचाती हैं तबाहीइस तरह के होते हैं प्रदेश में बाढ़ के दौरान हालात। सभी फोटो : प्रमोद अधिकारी

स्वयं प्रोजेक्ट टीम

लखनऊ। मानसून की पहली बारिश के साथ ही प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले करोड़ों लोगों की चिन्ताएं बढ़ गयी हैं। हालांकि पहली बार सरकार ने इससे लोगों को बचाने के लिए भी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए गाँव कनेक्शन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में पड़ताल कर हक़ीक़त जानी।

गाँव कनेक्शन की पड़ताल में कुछ जिलों में तैयारी आधी-अधूरी भी नजर आई। गोंडा, गोरखपुर, कासगंज और पीलीभीत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ से लोग सहमे हुए हैं। वहीं, मेरठ, बहराइच समेत कई बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रशासन, सेना और पीएसी की टीम सभी जरूरी उपकरण के साथ बाढ़ नियंत्रण के लिए पूरी तरह मुस्तैद दिखे। प्रदेश में घाघरा, गंगा, सरयू, राप्ती और यमुना समेत कई नदियां हर साल तबाही मचाती हैं।

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मेरठ के जिलाधिकारी समीर वर्मा बताते हैं, “किसी भी अनहोनी होने पर सबसे पहले स्थानीय फोर्स और प्रशासन, एनडीआरएफ आदि टीम पहुंचेगी। इसके बाद कंट्रोल न होने पर सेना को बुलाया जाएगा। ग्रामीणों को बाढ़ से बचने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।”

बता दें कि बीती अप्रैल को 21 साल बाद प्रदेश सरकार की बाढ़ नियंत्रण परिषद स्थायी समिति की बैठक हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बाढ़ नियंत्रण के निर्देश दिए थे।

सरकार ने हाल में बाढ़ नियंत्रण के लिए संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों में 30 करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया था।कुछ साल पहले तक जिन क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनती थी, वहां अब नदियों में बांध बनने से स्थिति में सुधार है। बावजूद इसके नदियों के पास रहने वाले लोगों को ज्यादा बारिश में वहां से हटने को कहा गया है, साथ ही हर बारिश पर जल स्तर मापकर प्रशासन को सूचित करने के लिए भी कहा गया है।

आपदा केन्द्र बहराइच के ईआरसी राजेश श्रीवास्तव बताते हैं, ‘‘नेशनल डिजास्टर रिस्पान्स फोर्स (एनडीआरएफ) ने बाढ़ पीड़ित तहसीलों में जाकर बचाव के कार्य में निपुण होने की जानकारी स्थानीय निवासियों दी है।“

बहराइच में बाढ़- फाइल फोटो

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अगर लापरवाही हुई तो जिलाधिकारी होंगे जिम्मेदार- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ नियंत्रण पर बैठक कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती जाने पर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी की बात कही थी। उन्होंने जिलाधिकारियों और अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन एवं खेती-बाड़ी की हिफाजत के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाने चाहिए और जिलाधिकारियों को लोगों की जान-माल की हिफाजत के लिए स्थानीय आवश्यकता के दृष्टिगत पहल करने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में धन की कमी कतई नहीं होनी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि बाढ़ की स्थिति में हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। बाढ़ से बचाव की तैयारियों में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिंचाई मंत्री एवं बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री जनपदों में भ्रमण कर बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं की समीक्षा करें, यह आदेश दिया जा चुका है।

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बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री स्वाती सिंह ने बताया कि सभी विभाग पूरी तरह तैयार हैं। जिलाधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर बाढ़ संभावित क्षेत्रों के निवासियों को पहले से सुरक्षित स्थानों पर व्यवस्था कर पहुंचाने का भी आदेश दिया जा चुका है। लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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