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महिला दिवस की तैयारी, लखनऊ में एकत्र होंगी यूपी की 10,000 महिला ग्राम प्रधान

uttar pradesh

लखनऊ। आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश में बड़े कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है। इस बार उत्तर प्रदेश सरकार का पंचायती राज विभाग लखनऊ में ‘स्वच्छ महिला शक्ति सम्मेलन’ का आयोजन कर रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग गांवों की करीब 10,000 महिला ग्राम प्रधानों को आमंत्रित किया गया है।

इस सम्मेलन में यूपी की महिला ग्राम प्रधानों के अलावा प्रदेश की ही 2,000 महिला स्वच्छता मोटिवेटर को भी बुलाया जा रहा है, जो गांवों में स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही हैं। सम्मेलन में स्वच्छता की दिशा में विशेष काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया जाएगा।

इतना ही नहीं, सम्मेलन में पड़ोसी प्रदेशों बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उड़ीसा की 200 महिला प्रधानों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। यही नहीं, इस महिला सम्मेलन में प्रदेश की सभी महिला सांसदों और महिला विधायकों को भी विशेष आमंत्रण भेजा गया है।

उप्र पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव चंचल तिवारी ने बताया, “स्वच्छ महिला शक्ति सम्मेलन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से भी 12 हजार से अधिक महिलाओं को आमंत्रित किया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश के अलावा पड़ोसी जिलों की महिला ग्राम प्रधान, खुले में शौच मुक्ति की दिशा में कार्य करने वाली महिला स्वच्छाग्रही (मोटीवेटर), महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्यरत महिला सामाज्ञा के कर्मचारीगणों और अति विशिष्ट कार्य करने वाली अन्य क्षेत्र की महिलाओं को भी आमंत्रित किया गया है।“

आगे बताया, “यह सम्मेलन लखनऊ के आशियाना बंगला बाजार में स्थित कांशीराम स्मृति उपवन में किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भारत सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती के अलावा प्रदेश की सभी महिला सांसदों और महिला विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है।“

कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के न्यूज लेटर का विमोचन और मुख्यमंत्री प्रोत्साहन पुरस्कार ऑनलाइन योजना की शुरुआत भी की जाएगी। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज तिवारी ने आगे बताया, ”स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने महिलाओं के सम्मान, निजता एवं स्वास्थ्य आदि मुद्दों को प्रमुखता से सम्मिलित कर व्यवहार परिवर्तन कर ग्रामीण समुदाय को खुले में शौच की कुप्रथा से मुक्त करने का निर्णय लिया है, जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 19 हजार ग्रामों को खुले में शौचमुक्त करने के साथ-साथ लगभग 50 लाख महिलाओं के सम्मान, निजता एवं स्वास्थ्य को सुरक्षित करने का कार्य कराया गया है।”

(इनपुट: एजेंसी)

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