नहर की पटरी काटने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा: सिंचाई मंत्री

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   13 Sep 2017 6:29 PM GMT

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नहर की पटरी काटने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा: सिंचाई मंत्रीनहर की पटरी कटने से फसल की होती है बर्बादी।

गाँव कनेक्शन

लखनऊ। दूरस्थ खेतों तक नहर का पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई विभाग ने कमर कस ली है। सिंचाई मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को नहर की पटरी काटने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। राममनोहर लोहिया परिकल्प भवन, तेलीबाग स्थित कमाण्ड सेंटर के सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने यह निर्देश दिया।

बैठक को संबोधित करते हुए सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा,“ ग्रामीण भारत की तरक्की से ही देश की तरक्की होगी। देश की अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से खेती पर निर्भर है, इसलिए प्रत्येक किसान को सिंचाई के लिए प्रयाप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। इस दिशा में नदियों का चैनेलाइजेशन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी तथा पानी की बरबादी को रोककर अधिक से अधिक सदुपयोग किया जाएगा।”

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सिंचाई मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि,“ कहीं पर भी किसान नहरों को अवैध तरीके से काटने न पाएं। पानी का दुरूपयोग किसी भी कीमत पर न होने दें। यदि कोई किसान नहर की पटरी कटता है तो उसके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाए। कुलाबे पर किये गये कब्जे को हटाया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके।”

नहर कटने से फसल हो जाती है बर्बाद

अक्सर देखने में आता है कि, किसान अपनी फसल बचाने के चक्कर में नहर की पटरी काट देते हैं, जिससे किसानों की हजारों बीघा फसल खराब हो जाती है। कई बार फसल पक कर कटने के लिए तैयार होती है तभी नहर कट जाती है। ऐसी स्थिति में किसानों का काफी नुकसान हो जाता है। वहीं देखने में आता है किसान नहर की पटरी कटने का ठीकरा विभाग पर फोड़ते हैं। कई बार विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके साथ ही नहर की पटरी कट जाने से पर्याप्त पानी आगे तक नहीं पहुंच पाता है। पानी नहर के टेल पर ही पहुंच पता है।

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बजट की नहीं है कोई कमी

बैठक में धर्मपाल सिंह ने कहा, “जो परियोजनाएं पहले से चल रही हैं उन्हें पूर्ण करें। नयी परियोजनाओं की कार्य योजना बनाकर शासन को उपलबध करा दें, जिससे समय से उसके लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था की जा सके। बजट की कीं कोई कमी नहीं है। शीघ्र ही आवंटित धनराशि का बजट भी भेज दिया जाएगा।

प्रदेश सरकार की मंशा हर खेत तक पानी पहुंचाने की है। नहर को जो भी नुकसान पहुंचाएगा उसे किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा।नहर की पटरी काटने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
सुरेश चंद्र शर्मा, प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग।

लापरवाही पर होगी कार्रवाई

विभागीय आधिकारियों की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ जाती है। धर्मपाल सिंह ने बैठक में निर्देश दिया कि, अधिशासी अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता तथा मुख्य अभियन्ता अनिवार्य रूप से क्षेत्रों का भ्रमण करना सुनिश्चित करें। अपनी कार्यशैली में बदलाव लाएं। लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” बैठक का संचालन प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चन्द्रा ने किया। उन्होंने कहा,” मुख्यालय और जिले के अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित करके कार्यों में गतिशीलता लाई जाएगी।”

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मेरठ के मेरठ ब्लाक के शिवपुरी निवासी अरविंद (54 वर्ष) बताते हैं, “ गाँव वालों ने नहर की पटरी काट-काटकर बहुत छोटी कर दी है। पहले ट्राली आराम से निकल जाती थी। अब बुग्गी निकलना भी मुश्किल है। आदेश पर अमल हो तो कुछ सुधार हो सकता है।”

जौनपुर के मछलीशहर ब्लॉक के बठहर निवासी आशुतोश दुबे (35वर्ष) कहते हैं,“ सरकार का यह फैसला अच्छा है। ऐसा होने से दबंग नहर को काट नहीं पाएंगे और सभी को एक बराबर पानी मिलेगा।”

गोरखपुर के पिपराइच ब्लाक के रमवापुर गाँव निवासी किसान अजय प्रताप (32वर्ष) का कहना है, “सरकार ने यह अच्छा आदेश दिया है, लेकिन इसे लागू नहीं कर पाएगी,क्योंकी करवाई तो पहले भी की जाती थी। उसका असर कुछ भी नहीं हुआ। गरीब किसानों के लिए यह बड़ी समस्या है कि एक तो नहर में पानी नहीं आता। और जब आता है तो दबंग अपनी ओर पानी का रुख मोड़ लेते हैं।”

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