वीजा के बहाने अपने जाल में फंसाती है आईएसआई

Ashwani NigamAshwani Nigam   6 May 2017 11:43 AM GMT

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वीजा के बहाने अपने जाल में फंसाती है आईएसआईफैजाबाद से गिरफ्तार आईएसआई एजेंट अली ने एटीएस को दी जानकारी 

लखनऊ। फैजाबाद से गिरफ्तार आईएसआई एजेंट अली ने एटीएस की पूछताछ में बताया है कि पाकिस्तान के कराची स्थित अपनी नानी के घर जाने के लिए जब वह नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में वीजा के लिए आवेदन करने गया, तीन बार उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया। इस मौके पर पाकिस्तान के दूतावास में काम करने वाला एक कर्मचारी मेहरबान अली ने उसकी मदद की लेकिन लालच देकर आईएसआई का एजेंट बना दिया।

उत्तर प्रदेश पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व व्यवस्था आदित्य मिश्र ने बताया, ‘पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारियों की मदद से आईएसआई वीजा लेकर आनेजाने वाले को अपने जाल में फंसाकर आईएसआई का एजेंट बना रही है। आफताब अली के मामले में यह सामने आया है। ऐसे में संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।’

आफताब अली का कोई पहला मामला नहीं है। हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच रिश्तेदारियों और व्यापार के लिए जो लोग दोनों देशों के बीच आना-जाना करते हैं उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई नजर रखती है। मौका पड़ने पर कुछ लोगों को पैसे का लालच देकर आईएसआई अपना एजेंट बनाकर भारत के खिलाफ उनका इस्तेमाल करती है। ऐसे में पाकिस्तान आने जाने वाले लोगों की प्रोफाइल का पुलिस खंगाल रही है।

बिजनेस व रिश्तेदारी के नाम पर हर साल आते हैं पड़ोसी देश से आते हैं लोग

यूपी पुलिस को अपने सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक वीजा लेकर यूपी आए कुछ पाकिस्तानी नागरिक अपना नाम और पता बदलकर यूपी के अलग-अलग शहरों में मौजूद हो सकते हैं। पुलिस के बड़े अधिकारी ने बताया है कि यूपी में कपड़ों के व्यापार और रिश्तेदारी के नाम पर सैकड़ों लोग हर साल वीजा लेकर भारत और पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में आते-जाते रहते हैं। ऐसे में कुछ ऐसे पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में जानकारी मिली है कि इसमें कुछ यूपी आए लेकिन वापस पाकिस्तान नहीं गए। ऐसे में इनको तलाशने के निर्देश दिए गए हैं, पुलिस को शक है कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक अपनी पहचान छिपाकर यूपी के अलग-अलग शहरों मे कारोबार कर रहे हैं। कुछ के स्लीपिंग मॉड्यूल्स यानी स्लीपर सेल के रूप में काम करने की आशंका है।

पहचान छिपाकर रह रहे हैं लोग

मौजूदा खतरे को देखते हुए स्टेट एजेंसी को हिदायत दी गई है कि वह उन पाक संदिग्धों की तलाश करे। गैरकानूनी रूप से रह रहे संदिग्धों को तलाशना एजेंसियों के लिए टेढ़ी खीर भी साबित हो सकता है क्योंकि पाकिस्तानी यूपी के किस जिले में हैं और कहां छिपे हैं पुलिस को कुछ नहीं पता। फिलहाल कोशिश की जा रही है कि जिन लोगों से मिलने या काम के लिए इन लोगों ने अपने दस्तावेज मे जिक्र किया था। उन्हीं इलाकों से उनकी तलाश दोबारा शुरू की जा रही है।

      

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